डीएनए हिंदी: शिवसेना (Shiv Sena) का असली गुट कौन सा है, इस बात की अदालती लड़ाई से पहले मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे (Eknath Shinde) के गुट को बॉम्बे हाई कोर्ट (Bombay High Court) ने करारा झटका दे दिया है. हाई कोर्ट ने मुंबई के शिवाजी पार्क (Shivaji Park) में शिवसेना की परंपरागत दशहरा रैली (Shivsena Dussehra rally) के आयोजन की शिंदे गुट की याचिका को खारिज कर दिया है, जबकि उद्धव ठाकरे (Uddhav Thakeray) गुट को इसकी इजाजत दे दी है. इसे शिवसेना पर कब्जे की लड़ाई में शिंदे गुट के दावे को कमजोर होने से जोड़कर देखा जा रहा है. इससे पहले BMC ने दोनों ही गुटों को रैली आयोजन की अनुमति देने से इंकार कर दिया था. दशहरा रैली का आयोजन 5 अक्टूबर को होना है.
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ठाकरे गुट की याचिका पर हो रही थी सुनवाई
बॉम्बे हाई कोर्ट उद्धव ठाकरे ने नेतृत्व वाले शिवसेना गुट की याचिका पर सुनवाई कर रही थी, जिसमें शिवाजी पार्क में रैली के आयोजन के आवेदन को बृहनमुंबई नगर निगम (BMC) की तरफ से खारिज करने को चुनौती दी गई थी. शिंदे गुट ने भी
यहां आयोजन की अनुमति के लिए हाई कोर्ट से अपना पक्ष सुने जाने की याचिका दाखिल की थी. हाई कोर्ट ने शिंदे गुट की याचिका को खारिज कर दिया. ANI के मुताबिक, ठाकरे गुट को रैली की अनुमति दे दी गई है.
Bombay High Court has asked Shiv Sena to approach BMC ward officer with this order and seek permission afresh as per the GR of 2016.
— ANI (@ANI) September 23, 2022
ठाकरे गुट को करना होगा दोबारा आवेदन
ANI के मुताबिक, हाई कोर्ट ने ठाकरे गुट को रैली के आयोजन की अनुमति देते हुए उसे BMC के वार्ड ऑफिसर को आवेदन देने के लिए कहा है. ऑफिसर को हाई कोर्ट का ऑर्डर दिए जाने के साथ ही ठाकरे गुट को उससे 2016 के GR के नियमों के तहत अनुमति मांगने के लिए कहा गया है. हाई कोर्ट ने ठाकरे गुट को 2 से 6 अक्टूबर तक शिवाजी पार्क हैंडओवर किए जाने का आदेश दिया है ताकि वह अपनी तैयारियों कर सके.
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प्रशासन को ड्रोन वीडियोग्राफी का आदेश
हाई कोर्ट ने स्थानीय प्रशासन को ठाकरे गुट की पूरी दशहरा रैली की ड्रोन से वीडियोग्राफी कराने का आदेश दिया है. साथ ही कहा है कि यदि ठाकरे गुट किसी भी तरह की कानून व्यवस्था के लिए खतरा बनने वाली गतिविधि का जिम्मेदार मिलता है तो उसकी जानकारी दी जाए. साथ ही उसे आगे से किसी भी तरह के आयोजन की इजाजत नहीं दी जाएगी.
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नगर निगम ने किया अधिकारों का दुरुपयोग: हाईकोर्ट
हाई कोर्ट ने इस पूरे विवाद में BMC की भूमिका पर भी सवाल खड़े किए हैं. हाई कोर्ट ने कहा, नगर निगम अधिकारियों ने आवेदनों पर निर्णय लेते समय अपने अधिकारों का दुरुपयोग किया है. हालांकि कोर्ट ने इसके लिए किसी भी अधिकारी को कोई सजा दिए जाने जैसी बात नहीं कही है.
बता दें कि ठाकरे गुट ने भी अपना आवेदन खारिज होने के बाद इसका आरोप शिंदे गुट के साथ सरकार में शामिल भाजपा पर लगाया था. ठाकरे गुट की प्रवक्ता व मुंबई की पूर्व मेयर किशोरी पेडनेकर ने बृहस्पतिवार शाम को आरोप लगाया था कि भाजपा 5 अक्टूबर को रैली की इजाजत नहीं देकर उनकी पार्टी को एकतरफ करने का प्रयास कर रही है.
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Shiv sena Dussehra Rally: हाई कोर्ट का शिंदे गुट को झटका, ठाकरे खेमे को दी मंजूरी