डीएनए हिंदी: आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) के जन्मदिन पर प्रोजेक्ट चीता का उद्घाटन हो गया है. अफ्रीका से आए 8 चीते मध्य प्रदेश के कूनो नेशनल पार्क में रखे गए हैं और आज उन्हें एक विशेष बाड़े में छोड़कर प्रधानमंत्री ने प्रोजेक्ट चीता (Project Cheetah) का उद्घाटन किया है. इन चीतो को विशेष निगरानी में रखा जाएगा.
पीएम मोदी ने इन चीतों को कूनो नेशनल पार्क के बाड़े में छोड़ दिया है. इसके साथ ही देश में 70 सालों पहले जो चीते की प्रजाति विलुप्त हो गई थी, उसकी अब घर वापसी हो गई है. इन चीतों को आज सुबह आठ बजे ग्वालियर लाया गया और फिर वहां से कूनो नेशनल पार्क लाया गया है.
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हर वक्त रहेगी कड़ी नजर
इन चीतों को नेशनल पार्क में छोड़ दिया गया है. नेशनल पार्क के अधिकारियों के मुताबिक 24 घंटे मॉनिटरिंग होगी, सभी तरह के पैरामीटर्स के रिटन प्रोटोकॉल तय किए गए है. रोज अपडेशन होगा. इसके अलावा इनके बाड़ों में सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं. हर तरह की व्यवस्थाएं मॉनिटरिंग से जुड़ी हुई की गई हैं. 1 महीने तक सख्त मॉनिटरिंग की जाएगी उसके बाद उन्हें जंगल में छोड़ दिया जाएगा.
GPS से होगी ट्रैकिंग
इसके अलावा ये चीते जंगल में कहा जा रहे हैं और उनके करंट लोकेशन क्या होगी. उसका भी खास ध्यान रखा गया है. इसके चलते इनके गले में एक GPS लगाया गया है जो कि इनकी पल-पल की लोकेशन को ट्रैक करेगा. इसके अलावा डॉक्टरों की एक टीम भी इनकी पूरी निगरानी करेगी. इन्हें तब जंगल में छोड़ दिया जाएगा जब ये पूरी तरह शिकाऱ करने में अभ्यस्थ हो जाएंगे.
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क्या होगी चीतों की डाइट
इन चीतों को माह की क्वारंटाइन अवधि में कूनो पालपुर नेशनल पार्क में चीतों को भैंसे का मांस दिया जाएगा लेकिन यह केवल हफ्ते में दो दिन ही दिया जाएगा. ऐसा इसलिए क्योंकि चीतों को एक महीने तक 1500 वर्ग मीटर के बाड़े में रखा जाना है, जिसमें उनकी शारीरिक गतिविधि कम हो जाएगी. ऐसे में ज्यादा मांस देने से पाचनक्रिया की समस्या आ सकती है. ऐसा इसलिए भी है क्योंकि चीतों का जलवायु परिवर्तन भी हो रहा है. नई जगह व्यवस्थित होने में उन्हें कुछ समय भी लगेगा.
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तेंदुए की तरह करतें हैं हमला
गौरतलब है कि दक्षिण अफ्रीका का मौसम गर्मी और बारिश के लिहाज से भारत से काफी मिलता जुलता है. ऐसे में यह माना जा रहा है कि उन्हें भारत में उन्हें में ज्यादा समस्या नहीं आएंगे. भारत में जिस तहत तेंदुए लोगों के लिए मुश्किलें बढ़ाते हैं और आदमखोर हो गए थे. कुछ इसी तरह दक्षिण अफ्रीका में भी इंसानी बस्तियों के आस-पास कई बार इन चीतों ने लोगों पर हमला किया है और इनके हमलों के कारण लोगों के मन में खौफ रहता है.
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बाड़े में क्वारंटीन रहेंगे 8 अफ्रीकी चीते, GPS के जरिए होगी ट्रैकिंग, जानिए क्या होगी इनकी डाइट