कोलकाता में हुए रेप-मर्डर कांड में ममता सरकार ने बड़ा फैसला लिया है. पश्चिम बंगाल की ममता सरकार ने प्रदर्शनकारियों की मांग को मानते हुए मेडिकल कॉलेज के मौजूदा प्रिंसिपल सुरहिता पाल को हटा दिया है. इसके साथ ही सरकार ने अस्पताल के मौजूदा अधीक्षक और चेस्ट डिपार्टमेंट के HOD को भी हटा दिया है. इस ममाले में प्रदर्शनकारी डॉक्टरों का साथ देने के लिए विभिन्न क्षेत्रों के प्रदर्शनकारियों ने बुधवार को शहर और उसके बाहर सड़कों पर विरोध-प्रदर्शन किया.
हॉस्पिटल के प्रिंसिपल को हटाया
बता दें कि कोलकाता रेप-मर्डर केस पर अब भी प्रदर्शन जारी है. डॉक्टर्स की मांग के आगे ममता सरकार को झुकना पड़ा. आखिरकार, ममता सरकार ने मेडिकल कॉलेज के मौजूदा प्रिंसिपल सुरहिता पाल को हटा दिया है. इसका साथ ही पश्चिम बंगाल सरकार ने मानस बंद्योपाध्याय को आरजी कर मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल के नए प्रिंसिपल के रूप में जिम्मेदारी सौंपी है.
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पूर्व प्रिंसपल पर लाशों के कारोबार का आरोप
ममता सरकार ने प्रदर्शनकारी डॉक्टरों की एक और मांग स्वीकार कर ली है. सरकार ने आरजी कर मेडिकल कॉलेज के पूर्व प्रिंसिपल डॉ. संदीप घोष के कोलकाता नेशनल मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल में तबादले के आदेश को भी रद्द कर दिया है. संदीप घोष ने प्रदर्शनकारियों के दबाव में आकर इस्तीफा दे दिया है. बता दें कि, डॉ. संदीप घोष पर शवों को बेचने और बायोमेडिकल की तस्करी करने का आरोप भी लग चुका है.
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प्रदर्शनकारियों की मांग के आगे झुकी ममता सरकार, हॉस्पिटल के प्रिंसिपल को हटाया