डीएनए हिंदी: केरल यूनिवर्सिटी (Kerala University) ने अपने स्टूडेंड्स के लिए बड़ी घोषणा की है. ग्रेजुएशन और पोस्ट ग्रेजुएशन कर रही प्रेग्नेंट छात्राओं के लिए 6 महीने की मैटरनिटी लीव देने का फैसला किया है. यूनिवर्सिटी में पढ़ाई कर रही 18 वर्ष से अधिक की छात्राएं छह महीन तक के लिए मातृत्व अवकाश यानी मैटरनिटी लीव (Maternity Leave) ले सकती हैं. इसके लिए केरल विश्वविद्यालय ने 6 मार्च को आदेश जारी किया है.
यूनिवर्सिटी के नोटिफिकेशन के मुताबिक, जो भी छात्राएं मैटरनिटी लीव लेंगी वो 6 महीने बाद फिर से एडमिशन कराए बिना क्लास को रिज्यूम कर सकती हैं. मैटरनिटी लीव के बाद छात्रा के कोर्स की ड्यूरेशन को बढ़ा दिया जाएगा, ताकि उनकी पढ़ाई प्रभावित न हो.
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विश्वविद्यालय की तरफ से कहा गया कि कैंडिडेट के मेडिकल रिकॉर्ड को वेरिफाई करने और यूनिवर्सिटी की मंजूरी के बिना कॉलेज में फिर से क्लास अटैंड करने की अनुमति देने की जिम्मेदारी कॉलेज की प्रिंसिपल की होगी.
सिर्फ एक बार मिलेगी मैटरनिटी लीव
यूनिवर्सिटी के अनुसार, छात्राएं डिलीवरी से पहले या बाद में ये 6 महीने की मैटरनिटी लीव से लकती हैं. इसके साथ यह भी कहा गया है कि मैटरनिटी लीव की सुविधा पाठ्यक्रम की अवधि के दौरान सिर्फ एक बार दी जाएगी.
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पीरियड्स लीव संस्थानों ने लिया ये फैसला
इससे पहले केरल के शिक्षा विभाग ने जनवरी के महीने में सभी उच्च शिक्षा संस्थानों मासिक धर्म की छुट्टी देने का आदेश जारी किया था. साथ ही लड़कियों के पीरियड्स को देखते हुए ये फैसला लिया गया कि अनिवार्य 75 फीसदी अटेंडेंस के मुकाबले छात्राएं अब 73 प्रतिशत उपस्थिति के साथ अपने सेमेस्टर के एग्जाम में बैठ सकती हैं.
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देश की ये यूनिवर्सिटी अब छात्राओं को देगी 6 महीने की Maternity Leave, लागू होंगे ये नियम और शर्तें