डीएनए हिंदी: कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष पद का चुनाव (Congress President Election) लड़ने वाले कांग्रेस सांसद शशि थरूर (Shashi Tharoor) की केरल कांग्रेस (Kerala Congress) ने तारीफ की है. प्रदेश अध्यक्ष के सुधाकरण (K Sudhakaran) ने कहा है कि शशि थरूर उनके लिए एक अहम नेता हैं, जैसे किसी बिजनेसमैन के लिए सबसे महंगी संपत्ति उसके लिए अहम होती है. के सुधाकरण वही नेता हैं जिन्होंने एक समय खुलकर शशि थरूर का विरोध किया था. शशि थरूर ने जब प्रदेश अध्यक्ष का चुनाव लड़ने का ऐलान किया था तो उस दौरान भी केरल कांग्रेस ने उनके विरोध में बयानबाजी की थी. शशि थरूर पर बीजेपी (BJP) को मजबूत करने का आरोप भी लगा था.
केरल कांग्रेस ने हाल ही में कहा है कि उनका तिरुवनंतपुरम से कांग्रेस सांसद शशि थरूर से किसी भी तरह का कोई विवाद नहीं है. बता दें कि हाल ही में थरूर के केरल गए थे और उस दौरान उनके कई प्रोग्राम कैंसिल हुए थे. यह कहा जाने लगा था कि थरूर के पार्टी के साथ रिश्ते तनावपूर्ण हैं. खबरें यह भी आईं थीं कि केरल के ही कई बड़े नेता थरूर का प्रोग्राम कैंसिल करवा रहे हैं जिससे थरूर काफी परेशान भी थे.
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शशि थरूर से की थी मुलाकात
हाल ही में के सुधाकरण ने सांसद Shashi Tharoor से दिल्ली में मुलाकात की थी. उन्होंने कहा है कि उनसे (थरूर से) जुड़ा कोई भी विवाद पार्टी में नहीं है. एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में सुधाकरण ने कहा, "थरूर ने पार्टी के दायरे में रहकर ही काम किया है. कोई भी उन्हें अलग नहीं कर सकता. थरूर की क्षमता पार्टी की संपत्ति है। थरूर और पार्टी एकजुट हैं. वह हमेशा पार्टी के लिए संपत्ति रहे हैं."
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5 महीने बाद हुई बैठक
एक अहम बात यह है कि 5 महीने बाद केरल प्रदेश कमेटी की बैठक हुई है. इसमें कई अहम मुद्दों पर चर्चा की गई है. बैठक को लेकर प्रदेश अध्यक्ष ने बताया कि सबसे ज्यादा चर्चा कृषि क्षेत्र को लेकर की गई है. 3 महीनों के अंदर केरल इकाई का पुनर्गठन पूरा हो जाएगा. सुधाकरण ने बताया है कि केवल निष्क्रिय लोग या पद ही बदले जाएंगे, इसके अलावा पार्टी में कोई बड़ा बदलाव नहीं होगा.
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बता दें कि शशि थरूर (Shashi Tharoor) ने कांग्रेस अध्यक्ष चुनाव में मल्लिकार्जुन खड़गे (Mallikarjun Kharge) के खिलाफ चुनाव लड़ा था. इसके चलते ही वे पार्टी आलाकमान से लेकर गांधी परिवार (Gandhi Family) के करीबी नेताओं के विरोधी हो गए थे. थरूर की स्थिति के चलते यह तक कहा जाने लगा था कि वे पार्टी भी छोड़ सकते हैं. हालांकि अब अनेक विवादों के बाद के. सुधाकरण ने पूरे प्रकरण पर मिट्टी डालने की कोशिश की है.
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