डीएनए हिंदी: कर्नाटक विधानसभा चुनाव में कांग्रेस पूर्ण बहुमत के साथ सरकार बनाने की ओर अग्रसर है. जीत के बाद कांग्रेस खेमे में बड़ी खुशी की लहर है. कांग्रेस की सत्ता वापसी में कर्नाटक कांग्रेस अध्यक्ष डीके शिवकुमार (D. K. Shivakumar) को शिल्पकार माना जा रहा है. वह लंबे समय से कांग्रेस के लिए तारणहार साबित हुए हैं. डीके शिवकुमार ने खुद कनकपुरा सीट से भारी बहुमतों से जीत हासिल की है. उन्होंने बीजेपी के मंत्री आर अशोक को हराया है. जीत के बाद शिवकुमार ने मंदिर में माथा टेका और कार्यकर्ताओं का अभिवादन किया. उन्होंने इसे भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई की जीत बताया और उस दिन को याद किया जब उन्हें जेल या कांग्रेस छोड़ने का ऑफर दिया गया था. इस दौरान शिवकुमार अपनी भावनाओं पर काबू नहीं रख सके और बोलते-बोलते रो पड़े.
डीके शिवकुमार ने कहा कि मैं वो दिन कभी नहीं भूल सकता जब मेरे ऊपर भ्रष्टाचार के झूठे आरोप लगाए गए थे और बीजेपी की तरफ से ऑफर दिया गया था जेल जाओ या पार्टी में शामिल हो जाओ. लेकिन मैंने जेल जाना चुना था. सोनिया गांधी मुझसे जेल में मिलने लिए पहुंची थीं. उन्होंने मुझपर भरोसा जताया. इसे मैं कभी नहीं भूल सकता हूं. उन्होंने कहा कि ये हमारी मेहनत की जीत है. जनता ने झूठ का पर्दाफाश किया है. मैं पार्टी कार्यकर्ताओं और पार्टी के नेताओं को इस जीत का श्रेय देता हूं.
लगातार चौथी बार दर्ज की जीत
डीके शिवकुमार को राजनीति में 'कनकपुरा की चट्टान' और कांग्रेस का 'चाणक्य' के नाम से भी जाता है. उनकी गिनती कांग्रेस के दिग्गज नेताओं में होती है. डीके को सोनिया गांधी और प्रियंका गांधी का करीबी माना जाता है. कनकपुरा विधानसभा सीट से उन्होंने चौथी बार जीत दर्ज की है. इससे पहले 2008, 2013 और 2018 में जीत दर्ज कर चुके हैं. जबकि कांग्रेस की बात करें तो कनकपुरा सीट पर पिछले 14 विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने 6वीं बार जीत हासिल की है.
ये भी पढ़ें- 'भारी गला, आखें नम' कांग्रेस के लिए कितनी बड़ी है ये जीत, कर्नाटक प्रमुख का वीडियो देख आ जाएगा समझ
डीके शिवकुमार की कुल संपत्ति
डीके शिवकुमार की पांच सालों में संपत्ति बढ़ी है. उन्होने चुनाव आयोग में दिए अपने हलफनामे में 1,413.80 करोड़ रुपये की संपत्ति का ब्यौरा दिया है. 2018 में 840.01 करोड़ रुपये की तुलना में की तुलना में शिवकुमार की सपत्ति में 68 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है. शिवकुमार कनकपुरा विधानसभा सीट से चुनाव लड़ रहे हैं.
डीके शिवकुमार ने छात्र जीवन से कांग्रेस में राजनीतिक रूप से सक्रिए थे. उन्होंने 1985 में पहली बार जेडीएस प्रमुख एचडी देवेगौड़ा के खिलाफ विधानसभा चुनाव लड़ा था. लेकिन वह हार गए थे. इसके बाद 1987 में उन्हें सतनूर निर्वाचन क्षेत्र से बेंगलुरु ग्रामीण जिला पंचायत के सदस्य के रूप चुना गया.
देश-दुनिया की ताज़ा खबरों Latest News पर अलग नज़रिया, अब हिंदी में Hindi News पढ़ने के लिए फ़ॉलो करें डीएनए हिंदी को गूगल, फ़ेसबुक, ट्विटर और इंस्टाग्राम पर.
- Log in to post comments
Karnataka 'नहीं भूला जेल का वो दिन, जब BJP की तरफ से मिला था ऑफर', पढ़ें कांग्रेस के 'चाणक्य' की पूरी कहानी