Kanwar Yatra 2024: उत्तर प्रदेश सरकार की ओर से कांवड़ यात्रा के रूट पर स्थित दुकानों के बाहर उनके मालिक का नाम और फोन नंबर लिखने के आदेश जारी किया गया है. इस आदेश पर देश में सियासत गर्म है. अब यूपी सरकार के इस आदेश को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई है. सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर करते हुए यूपी सरकार से इस आदेश को वापसे लेने की मांग की गई है.
ये याचिका एसोशिएशन फॉर प्रोटेक्शन ऑफ सिविल राइट्स नामक एनजीओ ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की है. इस मामले पर 22 जुलाई सोमवार को जस्टिस ऋषिकेश रॉय और जस्टिस एसवीएन भट्टी की बेंच करेंगी. ये याचिका शनिवार 20 जुलाई को सुबह करीब 6 बजे ऑनलाइन माध्यम से दायर की गई है.
बता दें कि पहले यूपी सरकार ने मुजफ्फरनगर जिले में 240 किमी लंबे कांवड़ यात्रा के रूट पर स्तिथ दुकानों, होटलों और ढाबों पर नेमप्लेट लगाने का आदेश जारी किया था. इसके कुछ दिनों बाद यूपी सरकार ने आदेश को पूरे जिले में इसे लागू करने का फैसला लिया था.
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योगी सरकार के इस आदेश पर प्रदेश मे सियासत शुरू हो गई है. विपक्षी राजनीतिक दलों के साथ प्रमुख मुस्लिम संगठनों ने भी सरकार के इस फैसले का विरोध किया है. AIMIM पार्टी के नेता असदुद्दीन ओवैसी ने भी इस फैसले पर सरकार को घेरा है.
योगी सरकार के इस फैसले के खिलाफ RLD प्रमुख जयंत चौधरी का भी बयान सामने आया है. "जयंत चौधरी ने कहा कि धर्म या जाति की पहचान करके कोई सेवा नहीं लेता. इस मामले को धर्म और जाति से भी नहीं जोड़ा जाना चाहिए. सब अपनी दुकानों पर नाम लिख रहे हैं मैकडॉनल्ड और बर्गर किंग क्या लिखेगा. सरकार ने यह फैसला ज्यादा सोच समझ कर नहीं लिया. अब फैसला ले लिया तो उस पर टिक रहे हैं."
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कांवड़ यात्रा नेमप्लेट मामले को Supreme Court में चुनौती, 22 को होगी सुनवाई