डीएनए हिंदी: कानपुर देहात के मडौली गांव में अतिक्रमण विरोधी अभियान ने विवाद खड़ा कर दिया है. अतिक्रमण हटाते वक्त अधेड़ उम्र की महिला और उसकी बेटी की जान जलने की वजह से चली गई है. विपक्ष का आरोप है कि ध्वस्तीकरण से आहत होकर मां-बेटी ने जान दे दी है. लोग भी कह रहे हैं कि यह खुदकुशी है. पुलिस ने सोमवार को कहा है कि दोनों ने झोपड़ी में खुद को आग लगा ली, जिससे दोनों की मौत हो गई.
कांग्रेस पार्टी ने इस हादसे को लेकर सवाल खड़े किए हैं. कांग्रेस ने जो वीडियो शेयर किया है, उसे सुनकर आपकी रूह कांप जाएगी. एक बच्चा, रोते हुए कहा रहा है, 'हाय दइया, देखो मेरी मम्मी मेरी जल रही है.' वीडियो वायरल हो गया है. लोग हादसे के बारे में सुनकर योगी सरकार को जमकर कोस रहे हैं.
समाजवादी पार्टी ने बताई हत्या
राज्य की मुख्य विपक्षी समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) ने इस घटना को हत्या करार दिया है. सपा ने प्रशासन को जल्लाद और अमानवीय बताकर प्रदेश सरकार पर निशाना साधा है. एक पुलिस अधिकारी ने कहा कि पीड़ितों की पहचान प्रमिला दीक्षित और उनकी बेटी नेहा दीक्षित ने खुदकुशी की है. उन्होंने 'ग्राम समाज' भूमि पर अतिक्रमण हटाने के लिए गए पुलिस, जिला प्रशासन और राजस्व टीम के सामने यह घातक कदम उठाया. पीड़ितों को बचाने के प्रयास में रूरा थाना के प्रभारी निरीक्षक (SHO) दिनेश गौतम और पीड़ित प्रमिला के पति गेंदनलाल झुलस गए.
कानपुर में अतिक्रमण हटाने पहुंची प्रशासन की टीम के सामने ही माँ-बेटी ने आग लगाकर जान दे दी। और पुलिस तमाशबीन बनी रही।
— UP Congress (@INCUttarPradesh) February 13, 2023
अतिक्रमण हटाने का यह कौन-सा तरीका है कि लोग दुनिया से ही हट जाएं?
बाबा! अपनी बुलडोजर नीति को अब भी सम्भालिये या इस खूबसूरत धरती को श्मसान बना कर ही मानेंगे? pic.twitter.com/zmqHKiQ33x
कानपुर देहात में दर्दनाक हादसा, प्रशासन ने JCB से गिराया जलता छप्पर, मां-बेटी की जलकर मौत
नाराज घरवालों ने कर दी लेखपाल की पिटाई
घटना से नाराज परिवारवालों और समर्थकों ने लेखपाल अशोक सिंह की पिटाई कर दी, जिसके बाद अतिक्रमण रोधी टीम वहां से भाग गई. आक्रोशित लोगों ने जिलाधिकारी नेहा जैन और पुलिस अधीक्षक बीबीजीटीएस मूर्ति के समक्ष इस संबंध में उप जिलाधिकारी ज्ञानेश्वर प्रसाद, लेखपाल अशोक सिंह और अन्य के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने की मांग की. मां-बेटी के आत्मदाह की जानकारी मिलने के बाद अपर पुलिस महानिदेशक आलोक सिंह ने संभागीय आयुक्त राज शेखर के साथ गांव का दौरा कर मामले की जानकारी ली.
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कैसे गई मां-बेटी की जान?
अधिकारियों ने कहा कि स्थानीय लोगों ने जिलाधिकारी नेहा जैन से मुलाकात की थी और संबंधित परिवार के मुखिया के खिलाफ ग्राम समाज की जमीन पर कब्जा करने की शिकायत की थी. पुलिस अधीक्षक बीबीजीटीएस मूर्ति ने बताया कि अधिकारियों की एक टीम अतिक्रमण विरोधी अभियान के लिए गांव में पहुंची थी, तभी महिला और उसकी बेटी ने अपनी झोपड़ी के अंदर खुद को आग लगा ली, जिससे उनकी मौत हो गई. बीबीजीटीएस मूर्ति ने कहा, 'हम मौके पर पहुंच गए हैं और मामले की जांच की जा रही है.'
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जल्लाद और अमानवीय प्रशासन ने की हत्या!
समाजवादी पार्टी ने एक ट्वीट में कहा कि 'योगी जी (मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ) आपके जल्लाद और अमानवीय प्रशासन द्वारा की गयी ये हत्या है. योगी सरकार में लगातार ब्राह्मण परिवार निशाना बनाये जा रहे. लगातार चुन चुनकर ब्राह्मणों के साथ घटनाएं घटित हो रही हैं. दलित-पिछड़ों के साथ-साथ ब्राह्मण भी भाजपा शासित योगी सरकार के अत्याचार का निशाना बन रहे हैं.' सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने भी पार्टी के इस ट्वीट को री-ट्वीट किया है. कानपुर कांड पर जमकर हंगामा बरपा है. (इनपुट: भाषा)
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