Madhya Pradesh News: मध्य प्रदेश के पूर्व सीएम और वरिष्ठ कांग्रेस नेता कमल नाथ ने संगठन के भीतर कुछ मुद्दों पर अपनी नाराजगी जताई है. 26 जनवरी को महू में प्रस्तावित महारैली की तैयारियों पर चर्चा करने के लिए कांग्रेस की राजनीतिक मामलों की समिति की एक वर्चुअल बैठक आयोजित की गई, जिसमें प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी, नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार, कमल नाथ, दिग्विजय सिंह और अन्य सदस्य शामिल हुए.
हमसे नहीं बताई कोई बात
बैठक के दौरान, कमल नाथ ने कहा कि संगठन में हाल ही में हो रही नियुक्तियों के बारे में उनसे कोई विचार-विमर्श नहीं किया जा रहा. उनका यह भी कहना था कि महत्वपूर्ण बैठकों के बारे में उन्हें जानकारी नहीं दी जाती और उन्होंने मीडिया के जरिए ही पीसीसी की बैठक के बारे में सुना था. कमल नाथ ने संगठन में वरिष्ठ नेताओं के साथ विचार-विमर्श की आवश्यकता पर जोर दिया.
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दिग्विजय सिंह ने भी जताई नाराजगी
कमल नाथ मध्य प्रदेश के 18वें मुख्यमंत्री रहे हैं, लेकिन वे महज 15 महीने बाद इस्तीफा दे चुके थे. वे पार्टी के शहरी विकास मंत्री के तौर पर भी कार्य कर चुके हैं और छिंदवाड़ा से नौ बार लोकसभा सदस्य चुने गए हैं. वहीं, कांग्रेस के सीनियर नेता दिग्विजय सिंह ने भी मीटिंग में असहमति जताई और कहा कि उन्हें बैठक के एजेंडा की जानकारी केवल बैठक से कुछ ही मिनट पहले दी गई थी. दिग्विजय सिंह ने यह भी बताया कि बैठक में मोबाइल के जरिए शामिल होने को कहा गया, जो उनके लिए असुविधाजनक था. इस मुद्दे पर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी ने सफाई दी थी कि सभी निर्णय वरिष्ठ नेताओं की राय से लिया जा रहा है. हो सकता है कि कुछ गलतफहमियां हों गईं हों. उन्होंने यह भी कहा कि प्रवक्ताओं की नियुक्तियों के संबंध में पहले जारी किए गए पत्र को रद्द कर दिया गया, जब वरिष्ठ नेताओं ने अपनी नाराजगी व्यक्त की.
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'मुझसे नहीं पूछा जाता', कांग्रेस नेताओं की बैठक में कमलनाथ और दिग्विजय ने जताई नाराजगी