तमिलनाडु के कल्लाकुरिची में कथित जहरीली शराब पीने से मरने वालों का संख्या लगातार बढ़ती जा रही है. सोमवार को एक और पीड़ित ने दम तोड़ दिया. इसी के साथ जहरीली शराब के सेवन से अब तक 58 लोगों की मौत हो चुकी है. वहीं इस मामले में अब राजनीतिक बयानबाजी भी तेज हो गई है. बीजेपी ने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए इस घटना को लेकर उसकी चुप्पी पर सवाल उठाए हैं.
तमिलनाडु में द्रविड़ मुनेत्र कषगम (DMK) के नेतृत्व वाली सरकार है. बीजेपी की प्रदेश इकाई ने मामले की सीबीआई से जांच के लिए राज्य के राज्यपाल से अनुरोध किया है. वहीं, के. पलानीस्वामी के नेतृत्व वाली ऑल इंडिया अन्ना द्रविड़ मुनेत्र कषगम (अन्नाद्रमुक) ने जहरीली शराब से हुई मौतों पर मुख्यमंत्री एम.के. स्टालिन से स्पष्टीकरण की मांग करते हुए राज्यव्यापी विरोध प्रदर्शन किया.
सत्तारूढ़ डीएमके ने AIADMK और भाजपा पर पलटवार करते हुए उन पर इस मुद्दे का राजनीतिकरण करने और उसके नेताओं को अवैध शराब की बिक्री से गलत तरीके से जोड़ने का आरोप लगाया. राज्य के स्वास्थ्य मंत्री एम. सुब्रमण्यम ने कहा कि कल्लाकुरिची के करुणापुरम इलाके में हुई दुखद घटना के करीब एक सप्ताह बाद अवैध शराब पीने से अब तक 58 लोगों की मौत हो चुकी है.
219 लोग अस्पताल में भर्ती
सुब्रमण्यम ने बताया कि अब तक 219 लोगों को विभिन्न अस्पतालों में भर्ती कराया गया है. इनमें से 58 लोगों की मौत हो गई है, जिनमें तीन महिलाएं और एक ट्रांसजेंडर शामिल हैं. बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा ने कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे को पत्र लिखकर तमिलनाडु में जहरीली शराब से हुई त्रासदी पर उनकी पार्टी की ‘उदासीन चुप्पी’ को लेकर सवाल उठाया.
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उन्होंने पत्र में कहा, ‘कुछ मुद्दों पर हमें पार्टी लाइन से ऊपर उठने की आवश्यकता है और एससी, एसटी समुदाय का कल्याण और सुरक्षा भी एक ऐसा ही मुद्दा है. नड्डा ने पत्र में कहा कि तमिलनाडु जहरीली शराब त्रासदी पूरी तरह से मानव जनित आपदा है और द्रमुक के नेतृत्व वाले ‘इंडिया’ गठबंधन की सरकार और अवैध शराब माफियाओं के बीच साठगांठ ऐसी घटनाओं की वजह है.
नड्डा ने कहा कि तमिलनाडु में जहरीली शराब त्रासदी के बाद कल्लाकुरिची के करुणापुरम गांव में जलती चिताओं की भयावह तस्वीरों ने पूरे देश की अंतरात्मा को झकझोर दिया है. उन्होंने पत्र में कहा, ‘खरगे जी, जैसा कि आप जानते हैं कि करुणापुरम में अनुसूचित जाति की आबादी काफी अधिक है, जो तमिलनाडु में गरीबी और भेदभाव के कारण कई चुनौतियों का सामना करते हैं. मैं हैरान हूं कि जब इतनी बड़ी आपदा आई है तो आपके नेतृत्व में कांग्रेस पार्टी ने इस पर चुप्पी साध रखी है.’ (PTI इनपुट के साथ)
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तमिलनाडु में जहरीली शराब से मरने वालों की संख्या बढ़कर 58 हुई, CBI जांच की मांग