डीएनए हिंदी: हाल ही में बॉलीवुड अभिनेत्री कंगना रनौत केदारनाथ धाम पहुंची थीं. उनके साथ महामंडलेश्वर कैलाशानंद गिरी भी केदारनाथ गए थे. अब कुछ संतों ने कैलाशानंद का विरोध किया है और उनसे माफी मांगने को कहा है. काली सेना नाम के संगठन ने कंगना रनौत के साथ कैलाशानंद के जाने का विरोध करते हुए उनका इस्तीफा मांग लिया है. काली सेना का कहना है कि कैलाशानंद ने महामंडलेश्वर पद का अपमान किया है, या तो वह माफी मांगें या फिर वह अपने पद से इस्तीफा दें.
काली सेना के प्रमुख स्वामी आनंद स्वरूप का कहना है, 'आचार्य महामंडलेश्वर के पद की कोई गरिमा होती है. हिंदू धर्म में शंकराचार्य और अखाड़े के आचार्य महामंडलेश्वर का पद सबसे सर्वोच्च माना गया है. ऐसे में इस पद की गरिमा बनाए रखना और संतों का ही कार्य है लेकिन निरंजनी अखाड़े के आचार्य महामंडलेश्वर अपने पद की गरिमा को समझ नहीं पा रहे हैं. वह एक अभिनेत्री को दर्शन कराने के लिए खुद अपने आश्रम को छोड़कर केदारनाथ जा रहे हैं और हाथों में हाथ डालकर उनके साथ चल रहे हैं. यह हिंदुओं की आस्था के साथ खिलवाड़ है. इतना ही नहीं इससे संतों की छवि भी खराब होती है.'
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संतों ने मांगा कैलाशानंद का इस्तीफा
स्वामी आनंद स्वरूप ने आगे कहा, 'इससे पहले भी कैलाशानंद ने इस्लामिक धर्मगुरु और जमीयत उलेमा-ए-हिंद के अध्यक्ष मौलाना अरशद मदनी से मुलाकात की थी. उन्हें अपने पवित्र स्थान अपने आश्रम में बुलाया था जिसमें अरशद मदनी द्वारा उन्हें कुरान भेंट की गई थी. अब अभिनेत्री कंगना रनौत के साथ केदारनाथ उन्हें दर्शन कराने जाना दुर्भाग्यपूर्ण है. निरंजनी अखाड़े को इसका संज्ञान लेना चाहिए और उन्हें तत्काल प्रभाव से बर्खास्त करना चाहिए अन्यथा उन्हें कम से कम चेतावनी तो देनी ही चाहिए ताकि वह अपने पद की गरिमा को समझें और आगे कुछ करने से पहले अखाड़े से सलाह लें.
हिंदू रक्षा सेना के प्रमुख जूना अखाड़ा के महामंडलेश्वर स्वामी प्रबोध आनंद ने आचार्य महामंडलेश्वर कैलाशानंद की कंगना रनौत के साथ केदारनाथ जाने का विरोध करते हुए कहा है कि वह अपने पद की गरिमा को समझें और तत्काल रूप से समाज से माफी मांगे. कैलाशानंद के ऊपर लगे आरोप पर प्रतिक्रिया देते हुए आनंद अखाड़े के आचार्य महामंडलेश्वर बालकानंद गिरी ने कहा कि साधु संतों का शुरू से ही अपने भक्तों को सनातन धर्म के प्रति जागरूक करना कार्य रहा है वह इसके लिए पहले समय में भी अपने भक्तों के साथ यात्रा किया करते थे इसमें कुछ भी गलत नहीं है.
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कैलाशानंद बोले- कंगना मुझे छुएं भी तो परेशानी नहीं होनी चाहिए
वहीं, इस पूरे मामले पर कैलाशानंद गिरि ने कहा कि अगर किसी के मन में भाव या फिर कुभाव है तो उसे दूर कर लेना चाहिए. कंगना रनौत हो या फिर भारत का कोई और भी नागरिक हो, भारत के साधु-संतों के प्रति उनकी एक आस्था ओर विश्वास है. कंगना मेरे लिए एक बेटी और बहन की तरह हैं. अगर उनके द्वारा मुझे स्पर्श भी किया जाता है तो मुझे नहीं लगता इसमें किसी को कोई परेशानी होनी चाहिए.'
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कंगना रनौत के साथ केदारनाथ गए थे कैलाशानंद, विरोध में उतरे संतों ने मांगा इस्तीफा