डीएनए हिंदी: Joshimath News- उत्तराखंड के चमोली जिले में जोशीमठ शहर की जमीन का धंसना (Joshimath Sinking) लगातार तेज होता जा रहा है. शुक्रवार शाम को शहर के सबसे ज्यादा प्रभावित मारवाड़ी एरिया में भगवती देवी मंदिर अचानक ही गिर गया. माना जा रहा है कि मंदिर नीचे की जमीन ज्यादा नर्म हो जाने के कारण गिरा है. मंदिर ऊंचाई से एक मकान की छत के ऊपर गिरा, जिससे उस मकान को भी नुकसान पहुंचा है. उधर, चमोली जिले से सटे उत्तरकाशी जिले में भी दो जगह जमीन धंसने की खबरें सामने आई हैं. उधर, राज्य सरकार ने हाई अलर्ट जारी कर दिया है. मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने हाई लेवल बैठक की है, जिसमें जोशीमठ में तत्काल आपदा कंट्रोल रूम शुरू करने और डेंजर जोन से एक-एक आदमी को हटाए जाने का निर्णय लिया गया है. विस्थापितों को अगले 6 महीने तक राज्य सरकार किराया देगी. इसके अलावा उन्हें हर महीने 4,000 रुपये आर्थिक सहायता भी दी जाएगी. प्रधानमंत्री कार्यालय से भी लगातार हालात की जानकारी ली जा रही है.
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#WATCH | Uttarakhand: Due to a landslide in the Marwari area of Joshimath, a temple got damaged and fell on top of a residential building. The building was damaged. pic.twitter.com/MwIo34dyav
— ANI UP/Uttarakhand (@ANINewsUP) January 6, 2023
जोशीमठ को सेक्टरों में बांटकर कराएंगे खाली
मुख्यमंत्री ने हाई लेवल बैठक में आदेश दिया है कि जोशीमठ में डेंजर जोन बन चुके एरिया तत्काल खाली कराए जाएं. शहर में आपदा कंट्रोलरूम शुरू करने को कहा गया है, जो पल-पल की निगरानी करेगा. इसके अलावा जितने एरिया डेंजर जोन के तौर पर चिह्नित हुए हैं, उन्हें सेक्टर व जोन में बांटकर लोगों को अस्थायी पुनर्वास केंद्र में शिफ्ट करने को कहा गया है. अस्थायी पुनर्वास केंद्र में फेब्रिकेटिड आवास बनाने का आदेश दिया गया है.
कहीं दरक रहा भरोसा, अपनों की बेरुखी का सदमा लगा है,
— Arjun Rawat (@teerandajarjun) January 5, 2023
कहीं हाथ से फिसलते वोटों की खातिर, मज़मा लगा है। pic.twitter.com/MZunKZC3cr
मुख्यमंत्री को अधिकारियों ने बताया कि 500 से ज्यादा घरों में रहने वाली शहर की 3,000 से ज्यादा लोगों की आबादी पर संकट है. जमीन धंसने का सबसे ज्यादा प्रभाव मारवाड़ी इलाके में हुआ है. मुख्यमंत्री ने फैसला किया है कि सभी पीड़ित परिवारों का पुनर्वास होने तक सरकार 6 महीने उन्हें किराया देगी. साथ ही 4,000 रुपये महीने की आर्थिक सहायता भी दी जाएगी. यह मदद मुख्यमंत्री सहायता राशि कोष से की जाएगी.
जोशीमठ update
— Ramesh Bhatt (@Rameshbhimtal) January 6, 2023
1-जोशीमठ के सुरक्षित स्थान पर बनेगा एक अस्थायी पुनर्वास केंद्र
2-सेक्टर और ज़ोनल बार बनेगी योजना
3- डेंजर ज़ोन को तत्काल ख़ाली कराया जाएगा।
4-आपदा कंट्रोल रूम एक्टिवेट किया जाएगा pic.twitter.com/8OmKLOtYJa
NTPC को दिए हैं अस्थायी आवास बनाने के आदेश
अधिकारियों के मुताबिक, लोगों को शिफ्ट करने के लिए करीब 4,000 फेब्रिकेटिड आवास बनाए जाने की योजना है. इसके लिए NTPC की मदद ली जा रही है. NTPC को 2,000 फेब्रिकेटिड घर बनाने को कहा गया है.
एशिया का सबसे बड़ा रोप-वे भी खतरे में
अधिकारियों ने मुख्यमंत्री को बताया कि धंसाव की चपेट में जोशीमठ से स्कीइंग सेंटर औली को जोड़ने वाला रोप-वे भी आ गया है. यह एशिया का सबसे लंबा रोप-वे है. इसके टॉवर नंबर-1 के पास जमीन धंस रही है. इस कारण यह रोप-वे बंद कर दिया गया है.
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— 🔱हिमांशी मेहरा🔱 (@Himanshi_mehra_) January 5, 2023
उत्तरकाशी में भी पानी के कारण धंसाव का संकट
चमोली जिले से सटे उत्तरकाशी जिले में भी जमीन धंसने की खबरें सामने आई हैं. एशिया के सबसे बढ़े टिहरी बांध की झील के कारण गंगोत्री हाइवे पर जमीन धंस गई है. लीसा डिपो के करीब हाईवे का 30 मीटर हिस्सा धंस गया है, जिससे हाईवे में दरारें पड़ गई हैं. इसके अलावा मस्ताड़ी गांव में भी भू-धंसाव तेज होने की खबरें है. इस गांव में पिछले 30 साल से जमीन धंस रही है. लोगों का आरोप है कि अब अचानक ये धंसाव बहुत ज्यादा हो गया है, जिससे दर्जनों मकानों में दरारें आ गई हैं और वे जमीन में धंस गए हैं. दोनों जगह पर प्रशासनिक अधिकारी निरीक्षण के लिए पहुंचे हैं.
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जोशीमठ में भगवती देवी का मंदिर गिरा, विस्थापितों को 6 महीने किराया देगी सरकार, उत्तरकाशी जिले में भी धंसी जमीन