डीएनए हिंदी: उत्तराखंड के जोशीमठ से लोगों को बाहर निकाला जा रहा है. भू-धंसाव से त्रस्त इस शहर के ज्यादातर घरों गहरी दरारें पड़ गई हैं. कई जगहों पर सड़के धंस गई हैं. उत्तराखंड सरकार ने दिल्ली हाईकोर्ट में एक याचिका की सुनवाई के दौरान कहा है कि जोशीमठ त्रासदी से निपटने के लिए केन्द्र और राज्य सरकार मिलकर काम रही है.
उत्तराखंड सरकार ने कहा है कि NDRF और SDRF को राहत कार्यो में लगाया गया है. बड़ी संख्या में लोगों को वहां से सुरक्षित विस्थापित किया गया है. इस मामले की जांच के लिए दो कमेटी गठित की गई है.
दिल्ली हाई कोर्ट में हुई याचिका की सुनवाई
दिल्ली हाई कोर्ट में वकील रोहित डंडरियाल की ओर से दायर याचिका में जोशीमठ भूस्खलन की जांच को लेकर उच्च स्तरीय कमेटी के गठन की मांग की गई है. याचिका में कहा गया है कि हाईकोर्ट के रिटायर्ड जज की अध्यक्षता में बनाई जाने वाली इस कमेटी में मंत्रालय के प्रतिनिधियों को शामिल किया जाए. याचिका में कहा गया है कि लोगों के सुरक्षित पुर्नवास की व्यवस्था की जाए.
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फरवरी में होगी अगली सुनवाई
सुनवाई के दौरान दिल्ली हाईकोर्ट से सरकार ने कहा कि जोशीमठ त्रासदी को लेकर शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद की याचिका सुप्रीम कोर्ट में लंबित है. सुप्रीम कोर्ट इस केस पर 16 जनवरी को सुनवाई करने वाला है. दिल्ली हाई कोर्ट ने याचिका की सुनवाई फरवरी तक के लिए टाल दी है.
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जोशीमठ संकट से निपटने की क्या हैं तैयारियां? उत्तराखंड सरकार ने हाई कोर्ट को बताया प्लान