डीएनए हिंदी: उत्तराखंड का जोशीमठ शहर (Joshimath Town) दुनियाभर में चर्चा का केंद्र बना हुआ है. दरकती जमीन, टूटते मकान और फटती सड़कें बड़ा भयावह मंजर दिखा रही हैं. हालात ऐसे हैं कि स्थानीय लोग अपने भविष्य को लेकर चिंतित है. जोशीमठ को बचाने के लिए स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) में भी याचिका दायर की है. मकानों में आई दरारें और मौके का हालात जानने के लिए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी भी शनिवार को जोशीमठ पहुंचे. उन्होंने ऐलान किया है कि भूस्खलन (Joshimath Landslide) की वजह से विस्थापित हो रहे लोगों को उत्तराखंड सरकार अगले 6 महीने तक हर महीने 4000 रुपये घर के किराए के लिए देगी.
स्थानीय लोग इस डर में जी रहे हैं कि उनके घरों का क्या होगा. सीएम पुष्कर सिंह धामी ने एक बड़ा पुनर्वास केंद्र बनाने का निर्देश दिया है. स्थानीय लोग कह रहे हैं कि इस तरह के भूस्खलन की वजह है यहां बन रही जल विद्युत परियोजना. अभी तक लगातार भूस्खलन के चलते जोशीमठ के 700 से ज्यादा घरों, होटलों और दुकानों में कई इंच चौड़ी दरारें आ गई हैं. जोशीमठ में अब राष्ट्रीय आपदा मोचन बल यानी एनडीआरएफ को भी तैनात किया जा रहा है.
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सुप्रीम कोर्ट तक पहुंचा जोशीमठ का मामला
सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दायर की गई है और अपील की गई है को जोशीमठ में मरम्मत के काम में तेजी लाने में मदद की जाए. साथ ही, यह भी कहा गया है कि जोशीमठ के लोगों और उनकी जिंदगियों को बड़ा खतरा है ऐसे में उनकी जान बचाने के लिए तत्काल कार्रवाई की जाए. यह याचिका स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती की ओर से दायर की गई. अपनी याचिका में स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने मांग की है कि जोशीमठ में जमीन धंसने और फटने की घटना को राष्ट्रीय आपदा घोषित किया जाए. इसके अलावा, जोशीमठ के लोगों की मदद के लिए यहां एनडीएमए की तैनाती की जाए.
Uttarakhand | Chief Minister Pushkar Singh Dhami inspects cracks in houses in Joshimath's land subsidence-affected area. pic.twitter.com/Pckhc50YlX
— ANI UP/Uttarakhand (@ANINewsUP) January 7, 2023
इसी क्रम में सीएम पुष्कर सिंह धामी ने अपने मंत्रियों और प्रशासनिक अधिकारियों के साथ आईटीबीपी कैंप में हाई लेवल मीटिंग की. विस्थापितों की मदद के लिए सीएम पुष्कर सिंह धामी ने ऐलान किया है कि जोशीमठ छोड़कर कहीं और रहने वाले लोगों को सीएम रिलीफ फंड से हर महीने 4000 रुपये का किराया दिया जाएगा. यह किराया अगले छह महीने तक मिलता रहेगा.
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चमोली जिले के डीएम हिमांशु खुराना ने जोशीमठ के हर वॉर्ड में सेक्टर अधिकारियों की तैनाती की है. इन अधिकारियों को कहा गया है कि वे हर वॉर्ड में सर्वे करके पता लगाएं कि कहां कितनी टूट-फूट हो रही है. इसके अलावा, प्रभावित परिवारों को दूसरो इमारतों में शिफ्ट करने और लोगों के लिए पर्याप्त इंतजाम करने के निर्देश भी दिए गए हैं.
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जोशीमठ: सुप्रीम कोर्ट में याचिका, हर महीने किराया देगी सरकार, जानिए क्या-क्या हो रहा है