डीएनए हिंदी: देवभूमि उत्तराखंड के जोशीमठ शहर (Joshimath Crisis) में भूधंसाव की घटनाओं के चलते इसे आपदा प्रभावित शहर घोषित कर दिया गया है. इस बीच केंद्र सरकार के साथ मिलकर राज्य सरकार शहर में सभी तरह के राहत बचाव के कार्यों में जुट गई है जिसकी मॉनिटरिंग सीएम पुष्कर सिंह धामी (Pushkar Singh Dhami) कर रहे हैं. इस बीच जिला प्रशासन ने लोगों को बचाने के लिए जोशीमठ को तीन जोन ‘डेंजर-बफर-पूरी तरह सुरक्षित’ में बांट दिया है.
आज सीएम पुष्कर धामी ने एक हाई लेवल मीटिंग भी की है. इस बीच पुष्कर धामी की सचिव आर. मीनाक्षी सुंदरम ने कहा कि प्रशासन सर्वे करवा कर डेंजर और बफर जोन की स्थिति का आंकलन कर रहा है.
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तीन जोन में बांटा गया है शहर
जानकारी के मुताबिक जो जोन पूरी तरह खतरे में होगा उसे तुरंत खाली कराया जाएगा. इस इलाके को डेंजर जोन कहा जा रहा है. इसके अलावा बफर जोन में वो इलाके शामिल किए जाएंगे, जो फिलहाल सुरक्षित हैं लेकिन जिन पर कभी भी खतरा आ सकता है. जो इलाके पूरी तरह सुरक्षित हैं उन्हें सेफ जोन में रखा गया है. सुंदरम ने कहा कि हम इस बात की जानकारी ले रहे हैं कि कितने परिवार प्रभावित हैं और कितने व्यावसायिक संस्थानों को नुकसान होगा. इसके अलावा हम परिवारों के व्यवसाय का डाटा भी इकट्ठा कर रहे हैं. उसके आधार पर तय होगा कि लोगों को कहां विस्थापित किया जाए. उन्होंने कहा कि जो बिल्डिंग जबरदस्त खतरे में होगी उसे तुरंत गिरा दिया जाएगा.
Uttarakhand | The area that needs to be evacuated immediately is designated as the 'Danger Zone'. The area that can be unsafe soon is the 'Buffer zone' & third one is the one that is totally safe: CM's secretary R Meenakshi Sundaram on Joshimath land subsidence pic.twitter.com/PNAB5F1r5h
— ANI UP/Uttarakhand (@ANINewsUP) January 9, 2023
कितनी में इमारतों पर है सबसे ज्यादा खतरा
जोशीमठ की खस्ताहाल स्थिति को लेकर चमोली डिजास्टर मैनेजमेंट ऑथोरिटी का कहना है कि जोशीमठ की 603 बिल्डिंग में मोटी-मोटी दरारें पड़ गई हैं. इसकी वजह से कई इलाकों को भू-धंसाव जोन में लाया गया है. यहां जोशीमठ और आसपास के इलाकों में कंस्ट्रक्शन का काम पूरी तरह बंद कर दिया गया है. इससे प्रभावित परिवार सुरक्षित जगहों की ओर जा रहे हैं.
डीएन ने बताया है किहमने आपदा प्रबंधन अधिनियम के तहत कुछ वार्ड की पहचान कर उस पर निशान लगाया है और उनको रहने के लिए असुरक्षित घोषित किया है. इन वार्ड में प्रवेश भी निषेध रहेगा.
हमने आपदा प्रबंधन अधिनियम के तहत कुछ वार्ड की पहचान कर उस पर निशान लगाया है और उनको रहने के लिए असुरक्षित घोषित किया है। इन वार्ड में प्रवेश भी निषेध रहेगा: ज़िलाधिकारी हिमांशु खुराना, चमोली, उत्तराखंड pic.twitter.com/p4liWg0AoV
— ANI_HindiNews (@AHindinews) January 9, 2023
कल आएगी केंद्र की टीम
जोशीमठ के डीएम हिमांशु खुराना ने बताया कि जलशक्ति मंत्रालय ने एक टीम गठित की थी जो आज आई थी और कल भारत सरकार के गृह मंत्रालय से भी एक टीम आएगी. हम केन्द्रीय भवन अनुसंधान संस्थान रुड़की के परामर्श और निगरानी में काम कर रहे हैं. जिलाधिकारी ने बताया है कि कल उनकी एक टीम आ रही है तो आसपास में जो भी इमारतें लोगों के लिए खतरनाक हो सकती हैं, लोगों की सुरक्षा के लिए उसके ध्वस्तीकरण की कार्रवाई की जाएगी.
जलशक्ति मंत्रालय ने एक टीम गठित की थी जो आज आई थी और कल भारत सरकार के गृह मंत्रालय से भी एक टीम आएगी। हम केन्द्रीय भवन अनुसंधान संस्थान रुड़की के परामर्श और निगरानी में काम कर रहे हैं: हिमांशु खुराना, DM, जोशीमठ, चमोली pic.twitter.com/0SKXDtZA9l
— ANI_HindiNews (@AHindinews) January 9, 2023
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बता दें कि जोशीमठ में बढ़ती दरारों ने वैज्ञानिकों को चिंता में डाल दिया है. मलबे और बोल्डर के ढेर के कारण जोशीमठ भू-गर्भीय दृष्टि से संवेदनशील है. ये इलाका जोन फाइव में पड़ता है, जो भूकंप के लिए बेहद संवेदनशील है और यही वैज्ञानिकों की असली चिंता का कारण भी है. ऐसे में यदि कम तीव्रता का भी भूकंप आता है तो यहां एक बड़ी मानवीय तबाही आ सकती है जिसके चलते सरकार हाई अलर्ट मोड पर काम कर रही है.
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