डीएनए हिंदी: जम्मू कश्मीर में आतंकवाद के अलावा एक और खतरा तेजी से बढ़ रहा है. जम्मू कश्मीर के डीजीपी दिलबाग सिंह ने इस पर चिंता जताई है. उन्होंने बताया है कि घाटी में युवाओं को ड्रग्स और नशीले पदार्थों की लत लग रही है. डीजीपी ने कहा कि अगर इस चुनौती से नहीं निपटा गया तो ये आतंकवाद से भी ज्यादा खतरनाक हो सकता है. आइए जानते हैं कि जम्मू कश्मीर में तेजी से बढ़ रहे इस खतरे को लेकर डीजीपी ने क्या कुछ कहा है...
जम्मू कश्मीर के डीजीपी ने कहा कि घाटी में नशीली दवाओं की महामारी तेजी से बढ़ रही है. अगर इसकी ओर ध्यान नहीं दिया गया तो बहुत बड़ा दर्द हमारा इंतजार कर रहा है. उन्होंने कहा कि नशीली दावों की तस्करी और अवैध कारोबार एक बहुत बड़ी समस्या बनकर सामने आया है, जो कि जम्मू - कश्मीर के लिए उग्रवाद से भी बड़ा खतरा है.
जम्मू -कश्मीर डीजीपी ने पाकिस्तान को लेकर कही ऐसी बात
डीजीपी दिलबाग सिंह में पाकिस्तानी एजेंसियों को कटघरे में खड़ा करते हुए कहा कि यह पहले आतंकवाद को बढ़ावा देती थीं, अब इनकी ओर से नई नीति अपनाई गई है. जम्मू - कश्मीर डीजीपी ने इंडियन एक्सप्रेस से बातचीत में कहा कि आतंक को वित्त पोषित करने के लिए पाकिस्तानी एजेंसियों द्वारा ड्रग्स का उपयोग किया जा रहा है. उनकी कोशिश ड्रग्स के जरिए आतंकवाद को सामाजिक अपराध के साथ मिलाने और समाज को नुकसान पहुंचाने की है.
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डीजीपी ने किया पंजाब का जिक्र
जीपी दिलबाग सिंह ने कहा कि पंजाब में भी कुछ इसी तरह की नीति भारत के दुश्मनों ने अपनी थी. उन्होंने बताया कि पंजाब में उग्रवाद काफी पहले खत्म हो गया था लेकिन नशीली दवाओं की समस्या की वजह से स्थिति भयावह बनी हुई थी. अब जम्मू कश्मीर में भी ऐसा ही करने का प्रयास किया जा रहा है. उन्होंने कुछ आंकड़ों का जिक्र कर बताया कि पिछले 4 वर्षों में ड्रग्स से जुड़े मामलों और गिरफ्तारिओं की संख्या बढ़ी है. 1.3 करोड़ की आबादी में पीड़ितों या नशीली दवाओं का सेवन करने वाले व्यक्तियों की संख्या 5-7 लाख होने का अनुमान है. इसके साथ उन्होंने बताया कि ये सब युवा हैं, जिनकी उम्र 13 से 30 साल के बीच में है.
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रैकेट से जुड़े हैं जम्मू - कश्मीर के कुछ लोग
डीजीपी ने बताया कि सीमा के पास रहने वाले कुछ लोग आर्थिक फायदे की वजह से इस रैकेट से जुड़े हुए हैं. जिसकी वजह से बड़े पैमाने पर कश्मीर में ड्रग्स की तस्करी हो रही है. उन्होंने कहा कि महिलाओं को कवर बनाकर आसानी से नशीली दवाओं की खेत को एक जगह से दूसरी जगह तक पहुंचाया जा रहा है. उन्होंने बताया कि इसके लिए क्रिप्टोकरेंसी से भी भुगतान किया जा रहा है.
उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने दिया ऐसा बयान
जम्मू - कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने जम्मू कश्मीर में ड्रग्स की समस्या से जुड़े सवाल पर इंडियन एक्सप्रेस से कहा कि इस मामले पर सरकार का पूरा ध्यान है. हमारी कोशिश है कि सबसे पहले नशीले पदार्थों की आपूर्ति के चैनल को खत्म किया जाए. उन्होंने कहा कि ड्रग्स को लेकर समाज में जागरूकता फैलाई जा रही है और पीड़ित के साथ अपराधी जैसा व्यवहार नहीं किया जाएगा.
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अब ड्रग्स से बर्बाद हो रहा जम्मू-कश्मीर, जानिए डीजीपी ने क्या कुछ कहा