Allahabad High Court latest verdict: इलाहाबाद हाई कोर्ट ने संभल की जामा मस्जिद को 'विवादित ढांचा' लिखवाया. अदालत में मस्जिद में रंगाई-पुताई की मांग वाली याचिका पर सुनवाई चल रही थी. इसी सुनवाई के दौरान कोर्ट ने ये आदेश दिया. 

कोर्ट ने स्टेनोग्राफर को भी निर्देश दिया कि शाही मस्जिद को 'विवादित' ढांचा संदर्भित करें. यह मांग हिंदू पक्ष की तरफ से की गई थी. बता दें 16वीं शताब्दी की इस मस्जिद पर विवाद तब शुरू हो गया जब इसे एक शिकायतकर्त ने हरि हर मंदिर बताया और कहा कि बाबर के इस में मंदिर को तोड़कर मस्जिद बनाई गई थी. इस मामले पर भड़की हिंसा को देखते हुए कोर्ट ने मस्जिद के सर्वे के आदेश दिए थे. पिछले साल नवंबर में इस सर्वे का विरोध किया गया था. 

हाई कोर्ट मस्जिद समिति द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई कर रहा था, जिसमें संरचना की सफेदी करने की अनुमति मांगी गई थी, जिसमें भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) की रिपोर्ट का विरोध किया गया था, जिसमें कहा गया था कि इस समय सफेदी करने की कोई आवश्यकता नहीं है.

हिंदू पक्ष ने की थी मांग
अधिवक्ता हरिशंकर जैन ने समिति के इस दावे को चुनौती दी कि 1927 के समझौते के तहत मस्जिद के रखरखाव की जिम्मेदारी उसी की है, उन्होंने तर्क दिया कि यह जिम्मेदारी एएसआई की है. अपना आदेश सुनाते हुए अधिवक्ता जैन ने पीठ से मस्जिद को 'विवादित संरचना' के रूप में संदर्भित करने का अनुरोध किया, और अदालत ने इस पर सहमति जताई. इसके बाद पीठ ने स्टेनोग्राफर को मस्जिद के लिए 'विवादित संरचना' शब्द का उपयोग करने का निर्देश दिया.

28 फरवरी को, अदालत ने पुरातत्व सर्वेक्षण को मस्जिद की सफाई का काम करने का निर्देश दिया, जिसमें अंदर और आसपास के क्षेत्र में धूल और वनस्पति को हटाना शामिल था.

अधिवक्ता जैन ने अपने हलफनामे में दावा किया कि मस्जिद समिति ने हिंदू चिह्नों और प्रतीकों को खराब करने और छिपाने के लिए एएसआई से अनुमति लिए बिना इमारत में बड़े पैमाने पर बदलाव किए और दीवारों और खंभों पर रंग-रोगन किया. जैन मस्जिद की जगह पर मंदिर की मौजूदगी से जुड़ी मुख्य याचिका में मुख्य याचिकाकर्ता हैं. 


यह भी पढ़ें - दिल्ली के जामा मस्जिद मेट्रो स्टेशन पर भीड़ का हंगामा, एग्जिट गेट भी फांदे, हुड़दंग का वीडियो वायरल, DMRC ने बताई सच्चाई


 

क्या बोले यूपी के मुख्यमंत्री
बता दें, उत्तर प्रदेश प्रशासन ने हाल ही में पूरे क्षेत्र में मंदिरों और कुओं सहित प्राचीन हिंदू संरचनाओं को बहाल करने और उनका जीर्णोद्धार करने के लिए व्यापक प्रयास किए हैं. आज राज्य विधानसभा में इस मामले पर बोलते हुए उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आरोप लगाया कि क्षेत्र में कई तीर्थ स्थलों और कुओं के निशान मिटाने की शरारती कोशिशें की गई हैं. मुख्यमंत्री ने कहा, 'शरारत के तहत संभल के 68 तीर्थों और 19 कुओं के निशान मिटाने की कोशिश की गई. उन्हें ढूंढना हमारा काम था. हमने 54 तीर्थों की खोज की और 19 कुएं भी पाए. जो हमारा है, हमें मिलना चाहिए. इसके अलावा और कुछ नहीं.'  अदालत 10 मार्च को सफेदी से संबंधित मामले की सुनवाई करेगी, जब एएसआई को अपना जवाब प्रस्तुत करना है.

अपनी राय और अपने इलाके की खबर देने के लिए हमारे गूगलफेसबुकxइंस्टाग्रामयूट्यूब और वॉट्सऐप कम्युनिटी से जुड़ें.

Url Title
Jama Masjid of Sambhal will now be called disputed structure Allahabad High Court orders Advocate Harishankar Jain demand
Short Title
संभल की जामा मस्जिद अब कहलाई जाएगी 'विवादित ढांचा'
Article Type
Language
Hindi
Section Hindi
Created by
Updated by
Published by
Page views
1
Embargo
Off
Image
Image
संभल
Date updated
Date published
Home Title

संभल की जामा मस्जिद अब कहलाई जाएगी 'विवादित ढांचा', इलाहाबाद हाई कोर्ट का आदेश 
 

Word Count
537
Author Type
Author