डीएनए हिंदीः भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) जल्द ही एक और इतिहास रचने जा रहा है. इसी महीने वह LVM3 को लॉन्च कर इसकी ग्लोबल कर्मिशियल लॉन्च सर्विस मार्केट में एंट्री कराएगा. इसरो यूनाइटेड किंगडम के वैश्विक संचार नेटवर्क ‘वन वेब’ (One Web) के 36 उपग्रहों को अपने सबसे भारी लॉन्चर LVM3 से लॉन्च करेगा. इसरो ने लो अर्थ ऑर्बिट (LEO) में इन सैटेलाइट को लॉन्च करने के लिए One Web के साथ 2 सर्विस कॉन्ट्रैक्ट साइन किए हैं.
ट्वीट कर दी जानकारी
इसरो ने ट्वीट कर इसकी जानकारी दी है. इसरो ने बताया कि वह लॉन्च व्हीकल के क्रायोजेनिक अपर स्टेज का इंटीग्रेशन और 36 सैटेलाइट्स के साथ पेलोड फेयरिंग का इंटीग्रेशन पूरा होगा. उसने बताया कि इस प्रोजेक्ट इसी महीने तीसरे या चौथे सप्ताह में लॉन्च किया जाएगा. यह सभी उपग्रह आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा के सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से लॉन्च किए जाएंगे.
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वनवेब 70 फीसदी टारगेट को कर लेना पूरा
बता दें कि वनवेब- 648 LEO उपग्रहों के एक समूह द्वारा संचालित वैश्विक संचार नेटवर्क है. इसका हेड ऑफिस लंदन में है. कंपनी की स्थापना 2019 में की गई थी. भारतीय कंपनी भारती एयरटेल वन वेब की एक प्रमुख निवेशक और शेयरधारक कंपनी है. जानकारी के मुताबिक इस उपग्रहों के लॉन्च होने के बाद वनवेब अपने ‘Gen 1 LEO Constellations’ प्लान का 70 प्रतिशत से अधिक अचीव कर लेगा. वर्तमान में वन वेब के अंतरिक्ष में 322 सैटेलाइट हैं. एक साथ 36 नए उपग्रह लॉन्च होने से इसकी कनेक्टिविटी और बढ़ जाएगी.
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इसी महीने ISRO लॉन्च करेगा अपनी पहली कमर्शियल सैटेलाइट, एकसाथ 36 उपग्रहों को LEO में भेजेगा