डीएनए हिंदी: भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) हर दिन नए कमाल करता है. चंद्रयान-3 की सफल लैंडिंग और रोवर-लैंडर की रिसर्च, सूर्ययान आदित्य L1 की अब तक की प्रगति से ISRO उत्साहित है. इसरो हर दिन नए रिसर्च पर लगा हुआ है. अब इसी क्रम में उसने एक और ग्रह के बारे में रिसर्च की योजना बना ली है. खुद इसरो चीफ सोमनाथ ने बताया है कि भारत अब शुक्र ग्रह के लिए अपना मिशन भेजने की तैयारी कर रहा है और इस दिशा में काम भी शुरू कर दिया गया है. उन्होंने कहा है कि आने वाले समय में इसे भी इसरो की ओर से लॉन्च किया जाएगा.

इसरो चीफ एस सोमनाथ ने मंगलवार को बताया कि सौरमंडल के इस चमकदार ग्रह शुक्र पर जाने के लिए भारत ने अपना मिशन तैयार करना शुरू कर दिया है और इसके लिए कई पेलोड भी तैयार कर लिए गए हैं. उन्होंने कहा, 'हमारे कई मिशन ऐसे हैं जो अभी सैद्धांतिक चरण में हैं. शुक्र के लिए मिशन तैयार हो रहा है. इसके लिए पेलोड बना लिए गए हैं.'

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क्यों जरूरी है शुक्र ग्रह का मिशन?
उन्होंने आगे कहा कि शुक्र काफी रोचक ग्रह है और इसके बारे में रिसर्च करने से अंतरिक्ष विज्ञान की दुनिया में कई सवालों के जवाब मिल सकते हैं. एस सोमनाथ ने कहा, 'शुक्र ग्रह का वातावरण काफी घना है. वहां वायुमंडलीय दबाव पृथ्वी की तुलना में 100 गुना ज्यादा है और यह एसिड से भरा हुआ है. आप इसकी सतह को खोद नहीं सकते हैं. हमें यह भी नहीं पता है कि इसकी सतह ठोस है या नहीं. हम यह सब क्यों समझने की कोशिश कर रहे हैं? क्योंकि पृथ्वी भी एक दिन शुक्र जैसी बन सकती है. मुझे नहीं पता लेकिन हो सकता है कि आज से 10 हजार साल बाद हमारी पृथ्वी अपना रूप बदले क्योंकि पहले भी पृथ्वी आज जैसी नहीं थी. पहले यहां भी जीवन संभव नहीं था.'

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बता दें कि शुक्र ग्रह सूर्य से पृथ्वी की ओर चलने पर दूसरा ग्रह है और पृथ्वी का सबसे नजदीकी ग्रह है. इनर सर्कल में आने वाले 4 ग्रहों में से एक शुक्र ग्रह को अक्सर पृथ्वी का जुड़वा कहा जाता है क्योंकि यह आकार और घनत्व में पृथ्वी के जैसा ही है. इससे पहले ESA के वीनस एक्सप्रेस ने साल 2006 से 2016 के बीच शुक्र ग्रह का चक्कर लगाया था.

वहीं, जापान का अकटसुकी वीनस क्लाइमेट ऑर्बिटर 2016 से अभी तक सक्रिय है. NASA के कई मिशन इस ग्रह के लिए जा चुके हैं. पिछले साल 9 फरवरी को नासा ने बताया था कि उसके स्पेसक्राफ्ट ने पहली बार शुक्र की सतह की साफ तस्वीर खींची है.

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isro plan for venus mission after aditya l1 mission and chandrayaan 3
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सूरज और चांद के बाद इस ग्रह पर जाने की है तैयारी, ISRO ने बताया अपना फ्यूचर प्ला
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सूरज और चांद के बाद यहां जाएगा भारत, ISRO ने बताया प्लान

 

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