डीएनए हिंदी: भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संस्था (ISRO) ने आज एकसाथ 36 सैटेलाइट लॉन्च किए हैं. इसके लिए इसरो ने अपने LVM-III रॉकेट का इस्तेमाल किया गया. यह लॉन्च श्रीहरिकोटा के सतीश धवन स्पेस सेंटर से किया गया. ये सभी 36 सैटेलाइट ब्रिटेन के नेटवर्क एक्सेस एसोसिएटेड लिमिटेड (वनबेव) के हैं. फरवरी में इसरो के सफल लॉन्च के बाद यह इस साल का दूसरा लॉन्च है.
43.5 मीटर लंबे और 643 टन वजन वाले इस रॉकेट को श्रीहरिकोटा के दूसरे लॉन्च पैड से लॉन्च किया गया है. सैटेलाइट बेस्ड इंटरनेट सेवाओं के लिए भेजे जा रहे वनवेब के ये 36 सैटेलाइट लो अर्थ ऑर्बिन यानी पृथ्वी की सबसे निचली कक्षा में स्थापित जाएंगे. भेजे गए सभी 36 सैटेलाइट का वजन कुल मिलाकर 5805 किलोग्राम है. इससे पहले वनवेब पांच सौ से ज्यादा सैटेलाइट भेज चुका है. इन 36 सैटेलाइट के साथ ही उसके सैटेलाइट की संख्या 6 सौ के पार पहुंच गई है.
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सैटेलाइट भेजने के मामले में झंडे गाड़ रहा ISRO
इसरो की कमर्शियल फर्म NSIL ने वनवेब के कुल 72 सैटेलाइट भेजने के लिए लगभग 1,000 करोड़ रुपये का कॉन्ट्रैक्ट किया था. 36 सैटेलाइट का पहला बैच 23 अक्टूबर 2022 को भेजा गया था. उस वक्त GSLV- MK III रॉकेट का इस्तेमाल किया गया था और मिशन सफल रहा था. इसरो की मदद से सैटेलाइट भेजने का खर्च काफी कम आता है इसलिए देश-विदेश की कंपनियां इसरो से करार कर रही हैं.
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बता दें कि सैटेलाइट बेस्ड इंटरनेट सेवाएं देने के लिए कंपनियां आसमान में सैटेलाइट का जाल बिछा रही हैं. इन सैटेलाइट को निचली कक्षा में स्थापित किया जा रहा है. एलन मस्क की कंपनी स्टारलिंक भी इसी तरह की सेवाएं दे रही है. स्टारलिंक अभी तक हजार से भी ज्यादा सैटेलाइट भेज चुकी है. स्टारलिंक ने कई देशों में इंटरनेट सेवाएं शुरू भी कर दी हैं.
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ISRO ने LVM III रॉकेट से लॉन्च किए वनबेव के 36 सैटेलाइट, जानिए क्यों खास है मिशन