डीएनए हिंदी: भारतीय स्पेस एजेंसी इसरो (ISRO) एक नया कीर्तिमान स्थापित करने जा रही है. इसरो अपना सबसे भारी रॉकेट GSLV MkIII (LVM-3) लॉन्च करने जा रहा है. यह इसरो की पहली कॉमर्शियल उड़ान (ISRO Commercial Flight) होगी. इस रॉकेट का वजन लगभग 5,400 किलोग्राम होगा. इसके साथ, 36 सैटेलाइट एकसाथ लॉन्च किए जाएंगे. ये सभी सैटेलाइट भारती एयरटेल (Bharti Airtel) के समर्थन वाली ग्लोबल सैटकॉम कंपनी OneWeb के हैं. यह लॉन्च शनिवार और रविवार की रात 12 बजकर 7 मिनट पर होगा. इसरो के सबसे भारी सैटेलाइट के लॉन्च की उल्टी गिनती शुरू हो चुकी है.
इसरो और भारत के लिए यह उड़ान ऐतिहासिक मानी जा रही है. इसका कारण है कि यह पहली कॉमर्शियल उड़ान है. LVM-3 पहली बार 5 टन से ज्यादा के सैटेलाइट लेकर उड़ेगा और इन्हें निचली ऑर्बिट यानी लो अर्थ ऑर्बिट (LEO) में स्थापित करेगा. LEO में सैटेलाइट स्थापित करने का काम भी इसरो पहली बार ही करने वाला है. GSLV MkIII की क्षमता है कि वह 10 टन के सैटेलाइट लेकर LEO तक और 4 टन के सैटेलाइट लेकर जियो ट्रांसफर ऑर्बिट यानी GTO तक जा सकता है.
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स्टारलिंक जैसा प्रोजेक्ट बना रहा है OneWeb
सैटकॉम OneWeb की योजना है कि वह लो ऑर्बिट में 650 सैटेलाइट स्थापित करे. ये सभी सैटेलाइट कम्युनिकेशन सेवाओं के लिए हैं. इस लॉन्च के साथ ही OneWeb के भेजे गए सैटेलाइट की संख्या 462 हो जाएगी. ग्लोबल कवरेज के लिए कम से कम 70 फीसदी सैटेलाइट भेजना ज़रूरी है. इनकी मदद से सैटेलाइट बेस्ड इंटरनेट सेवाएं दी जाएंगी.
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इसरो ने साल 1999 से अभी तक कुल 345 विदेशी सैटेलाइट लॉन्च किए हैं. अगर यह चॉन्च सफल होता है तो यह संख्या 381 तक पहुंच जाएगी. OneWeb अगले साल तीन और मिशन पूरे करने की योजना बना रहा है. OneWeb में भारत की एयरटेल कंपनी भी बड़ी हिस्सेदार है.
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ISRO की पहली कॉमर्शियल उड़ान कल, जानिए क्यों बेहद खास है यह मिशन