डीएनए हिंदी: भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) का मिशन चंद्रयान-3 अंतरिक्ष में इतिहास रचने के लिए तैयार है. चंद्रमा का महत्वाकांक्षी तीसरा मिशन, चंद्रयान -3 का लैंडर इलेक्ट्रो-मैग्नेटिक इंटरफेरेंस इलेक्ट्रो-मैग्नेटिक कम्पैटिबिलिटी (IMI-EMC) टेस्ट से सफलतापूर्वक गुजर चुका है.
इसरो ने रविवार को आधिकारिक तौर पर कहा है कि यह टेस्ट 31 जनवरी और 2 फरवरी के बीच बेंगलुरु में यूआर राव सैटेलाइट सेंटर में किया गया है. भारत अपने अंतरिक्ष मिशन के लिए पूरी तरह तैयार है.
क्यों ISRO के लिए अहम है टेस्ट?
EMI-IMC टेस्ट सैटेलाइट मिशन से पहले उपग्रह की प्रणालियों की जांच करने की दिशा में अहम परीक्षण है. इसमें सैटेलाइट के इलेक्ट्रो मैग्नेटिक लेवल की जांच की जाती है. इसरो ने अपने आधिकारिक बयान में कहा है कि यह परीक्षण चंद्रयान 3 का एक अहम पड़ाव है.
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इसरो ने कहा, 'चंद्रयान -3 एक इंटरप्लेनेटरी मिशन है, इसमें तीन प्रमुख मॉड्यूल हैं. प्रपल्शन मॉड्यूल, लैंडर मॉड्यूल और रोवर. मिशन के कॉम्प्लेक्सिटी मॉड्यूल के बीच रेडियो-फ्रीक्वेंसी (RF) कम्युनिकेशन लिंक का भी टेस्ट किया गया है.'
टेस्ट के दौरान क्या हुआ?
ISRO के मुताबिक चंद्रयान-3 लैंडर IMI-EC टेस्ट में लॉन्चर क्षमता, RF प्रणाली, एंटीना पोलेराइजेशन, ऑर्बिड और स्टैंडअलोन ऑटो टेस्ट में ठीक साबित हुआ है. लैंडर और रोवर क्षमताएं भी बेहतर नजर आई हैं.
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