डीएनए हिंदी: बांग्लादेश की निर्वासित लेखिका तस्लीमा नसरीन ने इजरायल-फिलिस्तीन संघर्ष के बहाने बांग्लादेश और पाकिस्तान के कट्टरपंथी ताकतों को आड़े हाथ लिया है. कोलकाता में आयोजित एक कार्यक्रम में बोलते हुए उन्होंने कहा कि बांग्लादेश में बहुत से लोग फिलिस्तीनियों के लिए चिंतित हैं. उनका कहना है कि गडा पर लगातार बमबारी की वजह से फिलिस्तीनियों को शरणार्थी का जीवन जीने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है. ये वही लोग हैं जो अपने देश के अल्पसंख्यकों पर हमले पर कुछ नहीं बोलते हैं. अगर अल्पसंख्यकों के लिए सहानुभूति है तो सबके लिए होनी चाहिए. बता दें कि महिला मुद्दों पर कलम चलाने वाली तस्लीमा दशकों से निर्वासित जीवन जीने के लिए मजबूर हैं.
बांग्लादेश और पाकिस्तान में बड़े पैमाने पर लोग फिलिस्तीनियों के साथ अपनी एकजुटता दिखा रहे हैं. हमास के आंतकी हमले के बाद इजरायल की जवाबी कार्रवाई के विरोध में कई प्रदर्शन भी हुए हैं. बांग्लादेश में फिलिस्तीन का समर्थन करने वाले ऐसे ही लोगों पर चर्चित लेखिका तस्लीमा नसरीन ने सवाल उठाया है. उन्होंने कहा कि जो लोग फिलिस्तीन में शरणार्थी संकट और उनकी सुरक्षा के लिए चिंतित हो रहे हैं वो लोग अपने ही देश में अल्पसंख्यकों पर हुए हमले के वक्त चुप रहते हैं.
यह भी पढ़ें: इजरायल के गजा में बमबारी से दहशत में मुस्लिम देश, OIC ने बुलाई आपात बैठक
बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों पर हमले का मु्द्दा उठाया
भारत में निर्वासन का जीवन जी रहीं चर्चित लेखिका ने बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों की सुरक्षा का मु्द्दा उठाया. उन्होंने कहा कि अगर मेरे देशवासी फिलस्तीन में अत्याचार और हमलों और बढ़ते शरणार्थी संकट से चिंतित हैं, तो अपने ही देश के अल्पसंख्यकों पर हमला किया जाता है तब चुप क्यों रहते हैं. बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों पर हमले की कई घटनाएं हुई हैं जिनमें उन्हें अपना घर-देश छोड़कर शरणार्थी का जीवन जीने के लिए मजबूर होना पड़ा है. उन्हें इसकी भी चिंता करनी चाहिए.
यह भी पढ़ें: फिलिस्तीन के समर्थन में मौलाना ने सोशल मीडिया पर लिखा पोस्ट, यूपी पुलिस ने किया गिरफ्तार
बांग्लादेश में कट्टरपंथ के खतरों पर जताई चिंता
अपने बागी लेखन की वजह से तस्लीमा नसरीन लंबे समय से इस्लामिक कट्टरपंथियों के निशाने पर रही हैं. उन्होंने कई बार बांग्लादेश में कट्टरपंथी ताकतों के उभार पर चिंता जताई है. कोलकाता में उन्होंने कहा कि यह अच्छी बात है कि बांग्लादेश में प्रति व्यक्ति आय बढ़ी है. वहां इन्फ्रास्ट्रक्चर में भी बड़े पैमाने पर सुधार हुआ है. यहां यह भी ध्यान रखना होगा कि पिछले कुछ वक्त में कट्टरपंती ताकतें हावी हुई हैं जो वहां के युवाओं और बच्चों के मन में कट्टरता का जहर घोल रही है.
देश-दुनिया की ताज़ा खबरों Latest News पर अलग नज़रिया, अब हिंदी में Hindi News पढ़ने के लिए फ़ॉलो करें डीएनए हिंदी को गूगल, फ़ेसबुक, ट्विटर और इंस्टाग्राम पर.
- Log in to post comments
फिलिस्तीन के लिए हमदर्दी जताने वालों की तसलीमा नसरीन ने लगाई क्लास