डीएनए हिंदी: लद्दाख में LAC पर भारत और चीन की सेनाएं अभी भी तैनात हैं. साल 2020 में मई-जून के महीने से जारी तनाव LAC पर अभी भी महसूस किया जा सकता है. यह लगातार तीसरा साल है जब सर्दियों के मौसम में भी दोनों देशों की सेनाएं सीमा पर खड़ी हैं. ऐसे हालातों के बीच सोमवार को सेना के अधिकारियों की एक पांच दिन लंबी कॉन्फ्रेंस शुरू हुई है. इसका मकसद अचानक पैदा होने वाले हालातों में तैयारियों का जायजा, ऑपरेशनल स्थिति और सीमा पर बुनियादी ढांचे के विकास की समीक्षा करना है.
सेना अध्यक्ष जनरल मनोज पांडे की अध्यक्षता में आर्मी के कमांडरों का यह सम्मेलन, वर्तमान और उभरती सुरक्षा और प्रशासनिक मामलों पर विचार-मंथन करेगा ताकी 12 लाख की संख्या वाली सेना के लिए भविष्य की रूपरेखा तैयार की जा सके.
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अधिकारियों ने कहा कि कमांडरों के सम्मेलन में क्षेत्रीय सुरक्षा स्थिति और रूस-यूक्रेन युद्ध के भू-राजनीतिक प्रभावों पर भी ध्यान केंद्रित किया जाएगा. सेना के सूत्रों के अनुसार, सम्मेलन के दौरान प्रख्यात विषय विशेषज्ञ 'समकालीन भारत-चीन संबंधों' के साथ-साथ 'राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए तकनीकी चुनौतियों' पर चर्चा करेंगे. साथ ही सेना के क्षमता बढ़ाने और परिचालन तैयारियों को बढ़ावा देने के लिए विशिष्ट योजनाओं पर भी विचार किया जाएगा.
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रक्षा मंत्री, CDS भी करेंगे कमांडरों से बात
इस कॉन्फ्रेंस के दौरान रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल अनिल चौहान, वायुसेना और नौसेना प्रमुख सेना कमांडरों के साथ बातचीत करेंगे. एक पूर्व राजनायिक और रॉ के पूर्व अधिकारी भी कॉन्फ्रेंस में शिरकत करेंगे.
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LAC पर टेंशन के बीच सेना के कमांडरों की कॉन्फ्रेंस शुरू, चीन पर खास फोकस