भारतीय सेना के लिए एक बड़ी खबर सामने आई है, जिसमें बताया गया कि भारत सरकार फ्रांस के साथ 26 राफेल-मरीन लड़ाकू विमानों के लिए लगभग 63,000 करोड़ रुपये का सौदा करने जा रही है. यह सौदा भारत की नौसेना के लिए विशेष रूप से महत्वपूर्ण है, क्योंकि इन विमानों का संचालन स्वदेशी विमानवाहक पोत आईएनएस विक्रांत के डेक से किया जाएगा. राफेल जेट्स के साथ इस सौदे में प्रशिक्षण, सिमुलेटर और पांच साल के लॉजिस्टिक सपोर्ट का भी प्रावधान होगा.
स्कॉर्पीन पनडुब्बियों के साथ बढ़ेगी नौसेना की ताकत
भारतीय नौसेना को और मजबूत करने के लिए फ्रांस से 38,000 करोड़ रुपये का सौदा किया जाएगा, जिसमें तीन स्कॉर्पीन डीजल-इलेक्ट्रिक पनडुब्बियों का अधिग्रहण शामिल है. इन पनडुब्बियों में एयर-इंडिपेंडेंट प्रोपल्शन (AIP) तकनीक होगी, जिससे इन्हें पानी के अंदर लंबे समय तक रहने की क्षमता मिलेगी.इस परियोजना के तहत मझगांव डॉक्स में इन पनडुब्बियों का निर्माण किया जाएगा. यह सौदा भारतीय नौसेना की समुद्री सुरक्षा को और प्रभावी बनाएगा.
सौदों को जल्द मिलेगी मंजूरी
टाइम्स ऑफ इंडिया की एक रिपोर्ट के अनुसार, इन महत्वपूर्ण रक्षा सौदों को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता वाली सुरक्षा मामलों की कैबिनेट समिति (CCS) से जल्द ही मंजूरी मिलने की संभावना है. राफेल सौदे को इस महीने के अंत से पहले मंजूरी मिलने की संभावना जताई जा रही है, इसके बाद स्कॉर्पीन पनडुब्बियों का सौदा स्वीकृत होगा.
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नए साल में इन सौदों का होना महत्वपूर्ण कदम
यह रक्षा सौदे भारतीय सेना और नौसेना की युद्धक क्षमता को नए साल में बढ़ाएंगे और देश की सुरक्षा को मजबूत करने की दिशा में अहम कदम साबित होंगे. प्रधानमंत्री मोदी अगले महीने फ्रांस के दौरे पर जाएंगे, जहां आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस शिखर सम्मेलन में भाग लेंगे और इस दौरान इन सौदों की मंजूरी पर भी चर्चा हो सकती है.
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नए साल में मजबूत होगी भारत की सैन्य ताकत, 1.5 लाख करोड़ रुपये के रक्षा सौदे से बढ़ेगी सेना की मारक क्षमता