डीएनए हिंदी: विदेश मंत्री एस जयशंकर ने भारत और चीन के बीच सीमा संघर्ष पर कहा है कि चीन के साथ लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल (LAC) पर कुछ अधूरे काम हैं और दोनों ओर की सेनाएं, देशों के राजनयिक मुद्दे का हल निकालने के लिए काम कर रहे हैं.
'राइजिंग इंडिया समिट' में जयशंकर ने चीन के साथ LAC पर हालात की तुलना यूक्रेन संघर्ष से करने पर राहुल गांधी को जमकर फटकारा. उन्होंने कहा, 'आज यूक्रेन में जो हो रहा है, अगर आप दोनों पक्षों को सुनें तो, एक पक्ष कहेगा कि वह नाटो के विस्तार और यूक्रेन की सरकार की प्रकृति से खतरा महसूस कर रहा है.'
यूक्रेन से भारत-चीन विवाद की तुलना गलत
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा, 'पश्चिम कहेगा कि रूस की विस्तारवादी मंशा है. भारत और चीन के बीच क्या है? यहां कोई नाटो नहीं है, सत्ता की कोई प्रकृति नहीं है. मुझे कहीं से तुलना नजर नहीं आती है.'
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बफर जोन छोड़ने की बातें अफवाह
एस जयशंकर ने यह भी कहा कि ऐसी बेबुनियाद अफवाहें फैलाई जा रही हैं कि भारत के गश्ती इलाकों में बफर जोन छोड़े जा रहे हैं. उन्होंने कहा कि गलवान संघर्ष 2020 के बाद से सेना और कूटनीति के संयोग से कुछ प्रगति हुई है, लेकिन उन्होंने माना कि दोनों पक्ष सबकुछ सुलझाने में सक्षम नहीं हुए हैं.
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LAC पर कुछ काम अभी तक हैं अधूरे
LAC पर वर्तमान स्थिति के संबंध में जयशंकर ने कहा, 'जो कुछ भी हुआ है वह परस्पर सहमति और बातचीत से हुआ है. लेकिन अभी भी काम अधूरे हैं.' उन्होंने यह भी कहा कि चीन के साथ संबंध को समझने के लिए व्यक्ति को दोनों देशों के बीच की समस्या की प्रकृति को भी समझना होगा. (इनपुट: भाषा)
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LAC पर कई काम अधूरे, बफर जोन छोड़ने की बात अफवाह, विदेशी मंत्री जयशंकर ने क्यों कहा?