डीएनए हिंदी: उत्तर भारत से लेकर दक्षिण राज्यों तक भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने बारिश का पूर्वानुमान जताया है. मौसम विभाग ने अगले 4-5 दिन के दौरान उत्तराखंड, उत्तरी उत्तर प्रदेश, बिहार उप-हिमालयी पश्चिम बंगाल, सिक्किम और पूर्वोत्तर के अन्य हिस्सों में भारी बारिश की संभावना जताई है. आईएमडी ने भविष्यवाणी करते हुए पूरे भारत में अगले कुछ दिनों तक भारी बारिश का अनुमान जताया है. हालांकि, देश की राजधानी दिल्ली और हरियणा में बूंदाबांदी होने की आशंका है.
मौसम एजेंसी ने अपने बुलेटिन में कहा कि सोमवार को उत्तर पश्चिम भारत में अलग-अलग स्थानों पर हल्की से भारी बारिश के आसार है. वहीं इसके अलावा 8 और 9 अगस्त को उत्तराखंड और पूर्वी उत्तर प्रदेश में अलग-अलग स्थानों पर बहुत भारी वर्षा होने की भी संभावना है. आईएमडी ने अपने पूर्वानुमान में कहा कि मध्य भारत में पूर्वोत्तर मध्य प्रदेश और उत्तरी छत्तीसगढ़ में अलग-अलग जगहों पर बारिश होगी.
पूर्वोत्तर के राज्यों में भी होगी बारिश
पूर्वी भारत की बात करें तो मौसम एजेंसी ने भविष्यवाणी की है कि 6 से 8 अगस्त तक पश्चिम बंगाल में और 6 से 9 अगस्त तक सिक्किम में हल्की से व्यापक वर्षा होगी. पूर्वोत्तर भारत के लिए आईएमडी ने कहा है कि अगले पांच दिनों के दौरान अरुणाचल प्रदेश, असम, मेघालय, नागालैंड और मणिपुर में हल्की से व्यापक वर्षा होने की संभावना है.
7 अगस्त को मेघालय में अलग-अलग स्थानों पर अत्यधिक भारी बारिश होगी मौसम एजेंसी के अनुसार, पश्चिम और दक्षिण भारत में अगले पांच दिनों के दौरान कम बारिश होने की उम्मीद है.
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उत्तराखंड में 2 बच्चों की मौत, 20 लोग अब भी लापता
उत्तराखंड के अनेक स्थानों पर रविवार को जारी बारिश के बीच टिहरी जिले में एक मकान की दीवार ढहने से उसकी चपेट में आकर दो बच्चों की मौत हो गई, जबकि रूद्रप्रयाग जिले के गौरीकुंड में भूस्खलन के बाद लापता 20 लोगों को ढूंढने के लिए अभियान चला रहे दलों को तीसरे दिन भी उनका कोई सुराग नहीं मिला. गौरीकुंड में हुए भूस्खलन के बाद कुल 23 लोग लापता हुए थे जिनमें से तीन लोगों के शव उसी दिन मलबे से बरामद कर लिया गया था. देहरादून के प्रसिद्ध सहस्त्रधारा पर्यटक स्थल पर नहाने के दौरान उत्तर प्रदेश से आई एक पर्यटक बह गई. हालांकि, राज्य आपदा प्रतिवादन बल (एसडीआरएफ) की टीम ने उसे सुरक्षित बचा लिया.
रुद्रप्रयाग के जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी नंदन सिंह रजवार ने बताया कि गौरीकुंड डाटपुलिया के समीप शुक्रवार को भू-स्खलन के बाद लापता लोगों की खोज के लिए रविवार को घटना स्थल व मंदाकिनी नदी के किनारे धारी देवी से लेकर कुंड बैराज तक तलाशी अभियान चलाया गया. उन्होंने बताया कि तलाशी अभियान में ड्रोन कैमरों की सहायता भी ली जा रही है. रजवार ने कहा कि कठिन परिस्थितियों में राष्ट्रीय आपदा मोचन बल(एनडीआरएफ), एसडीआरएफ, पुलिस, अग्निशमन दलों द्वारा चलाए जा रहे खोज अभियान में अभी तक किसी लापता का कोई सुराग नहीं मिल पाया है. दूसरी ओर हादसे के बाद स्थानीय प्रशासन ने सोनप्रयाग से गौरीकुंड के बीच भूस्खलन के खतरे को देखते हुए सड़क के किनारे बनी दुकानों को चिह्नित करना शुरू कर दिया है । जेसीबी के जरिए राजस्व विभाग ने शनिवार को कुछ दूकानें हटायी थीं। ऊखीमठ के उपजिलाधिकारी जितेन्द्र वर्मा ने बताया कि खतरे की आशंका को देखते हुए गौरीकुंड में लोग खुद ही सड़क के किनारे अपने अस्थाई दुकानें हटा रहे हैं.
हरियाणा में 59 और पंजाब में 44 प्रतिशत बारिश
हरियाणा और पंजाब में जुलाई में औसत से 40 फीसदी से अधिक बारिश हुई, जबकि दोनों राज्यों की साझा राजधानी चंडीगढ़ में 170 फीसदी ज्यादा पानी बरसा. यहां मौसम विज्ञान विभाग ने बताया कि जुलाई में हरियाणा में 59 प्रतिशत, जबकि पंजाब में 44 प्रतिशत अतिरिक्त बारिश हुई. दोनों राज्यों के कई हिस्से हाल में बाढ़ की चपेट में रहे. मौसम विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि दोनों राज्यों की साझा राजधानी चंडीगढ़ में जुलाई में 170 फीसदी अतिरिक्त बारिश हुई. उन्होंने बताया कि इस अवधि में सामान्य रूप से 273.2 मिलीमीटर बारिश होती है, लेकिन चंडीगढ़ में 738.7 मिलीमीटर पानी बरसा. जुलाई 2023 में शहर में 24 घंटे की अवधि में अब तक की सर्वाधिक 302.2 मिलीमीटर बारिश भी दर्ज की गई.
अधिकारी के मुताबिक, हरियाणा में जुलाई में औसत 149.1 मिलीमीटर के मुकाबले 237.1 मिलीमीटर बारिश हुई, जो 59 प्रतिशत अधिक है. इस दौरान पंजाब में औसत 161.4 मिलीमीटर की तुलना में 231.8 मिलीमीटर बारिश हुई, जो 44 प्रतिशत अधिक है. मौसम विभाग के आंकड़ों के अनुसार, हरियाणा के किसी भी जिले में जुलाई में कम बारिश नहीं दर्ज की गई और पंचकूला तथा यमुनानगर जिलों में सबसे अधिक बारिश हुई. पंचकूला में इस दौरान 681.1 मिलीमीटर पानी बरसा, जो सामान्य से 111 फीसदी अधिक है। इसी तरह, यमुनानगर में 681.1 मिलीमीटर बारिश हुई, जो सामान्य से 75 फीसदी ज्यादा है. अंबाला में 75 फीसदी, जबकि कुरुक्षेत्र में 276 फीसदी अधिक बारिश दर्ज की गई। हरियाणा के जिन अन्य जिलों में जुलाई में अधिक बारिश हुई, उनमें पानीपत (98 फीसदी), करनाल (97 फीसदी), कैथल (92 फीसदी) और गुरुग्राम (24 फीसदी) शामिल हैं। आंकड़ों के मुताबिक, पंजाब के फिरोजपुर में 165 प्रतिशत अधिक बारिश हुई, जबकि फरीदकोट में 256.2 मिलीमीटर और मोहाली में 472.6 मिलीमीटर ज्यादा पानी बरसा. (इनपुट- भाषा)
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