Online Betting : इंदौर के आईआईटी कैंपस में बीटेक प्रथम वर्ष के छात्र ने अपने हॉस्टल में शुक्रवार देर रात फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली. बताया जा रहा है कि छात्र ऑनलाइन सट्टेबाजी के चक्कर में तनाव में था. इसमें वह लाखों रुपये गंवा चुका था.  मृतक की पहचान 17 साल के रोहित केथवाथ के रूप में हुई है. वह तेलंगाना के नलगोंडा का रहने वाला था. छात्र ने विक्रम साराभाई हॉस्टल के अपने कमरे में फांसी लगाकर खुद की जान ले ली. पुलिस ने शव पोस्टमार्टम लिए जिला अस्पताल भिजवा दिया है. 

घटना से पहले छात्र ने लगाया व्हाट्सएप स्टेटस 
ग्रामीण एएसपी रूपेश द्विवेदी के अनुसार, मृतक के दोस्तों का कहना है कि रोहित पढ़ाई-लिखाई में अच्छा था. वह अक्सर अपने कमरे में अकेला रहता था और मोबाइल गेम में लगा रहता था. धीरे-धीरे वह ऑनलाइन सट्टेबाजी के चंगुल में फंस गया और इसमें लाखों रुपये गंवा दिए. इस सट्टेबाजी के चक्कर में उसने लाखों रुपये गंवा दिए थे. वह भारी तनाव में था. दोस्तों के मुताबिक, घटना की रात उसके दोस्त जब डिनर के लिए जा रहे थे तब रोहित से भी साथ चलने के लिए पूछा था लेकिन उसने मना कर दिया. जब दोस्त डिनर से वापस लौटे तो उन्होंने रोहित को फंदे से लटका देखा. 

भाई को हत्या का शक
पुलिस को घटनास्थल से कोई सुसाइड नोट नहीं मिला है. हालांकि, रोहित ने घटना को अंजाम देने से पहले अपने व्हाट्सएप पर एक स्टेटस लगाय था जिसमें उसने ऑनलाइन बेटिंग ऐप्स को ड्रग्स की तरह खतरनाक बताया था. अब पुलिस ने उसका मोबाइल जब्त कर लिया है और उसकी कॉल डिटेल्स, मोबाइल ऐप्स और बैंक अकाउंट की जांच की जाएगी. इस मामले में रोहित के बड़े भाई ने हत्या के आरोप लगाए हैं और निष्पक्ष जांच की मांग की है. वहीं, पुलिस का मानना है कि ऑनलाइन सट्टेबाजी और आर्थिक नुकसान के कारण वह मानसिक तनाव में था. इस केस के बाद एक फिर ऑनलाइन सट्टेबाजी के दुष्प्रभावों पर बात होने लगी है. ऑनलाइन सट्टेबाजी की लत को छुड़ाने के लिए जानें एक्सपर्ट के सुझाव.

मनोचिकित्सक

ऑनलाइन बेटिंग से बचने के लिए एक्सपर्ट टिप्स
भोपाल में वरिष्ठ मनोचिकित्सक डॉ. सत्यकांत त्रिवेदी के मुताबिक, 'ऑनलाइन बेटिंग से बचने के लिए हमें तीन स्तरों पर प्रयास करने की जरूरत है—व्यक्तिगत, सामाजिक, और प्रशासनिक. इन तीनों पहलुओं पर ध्यान देकर ही इस समस्या से निपटा जा सकता है.'

व्यक्तिगत स्तर पर : 

  • यह सबसे पहला कदम है, क्योंकि समस्या की शुरुआत व्यक्ति से ही होती है. 
  • समझें कि ऑनलाइन बेटिंग एक जाल है, जो आपके समय और पैसे को धीरे-धीरे खत्म करता है. 
  • बेटिंग के संभावित नुकसान और इसके पीछे की रणनीति को जानें. 
  • अगर आप बोरियत या तनाव के कारण बेटिंग की ओर आकर्षित होते हैं, तो उसकी जगह कोई और गतिविधि अपनाएं, जैसे- योग, किताबें पढ़ना, या खेल. अपना समय सकारात्मक चीजों में लगाएं.  
  • अपने खर्च और स्क्रीन टाइम को नियंत्रित करें. डिजिटल ऐप्स और वेबसाइट्स को ब्लॉक करने वाले टूल्स का इस्तेमाल करें. 
  • अगर आपको लगता है कि यह आदत नियंत्रण से बाहर हो रही है, तो अपने किसी भरोसेमंद दोस्त या परिवार के सदस्य से बात करें।
  • प्रोफेशनल काउंसलर या थेरेपिस्ट की मदद लें.

सामाजिक स्तर पर :

  • समाज में इस मुद्दे को हल करने के लिए सामूहिक प्रयास जरूरी हैं. 
  • स्कूलों, कॉलेजों और वर्कप्लेस में ऑनलाइन बेटिंग के खतरों के बारे में चर्चा करें.
  • सोशल मीडिया और स्थानीय समुदायों के जरिए इसकी जानकारी फैलाएं.
  • प्रभावित लोगों के लिए सपोर्ट ग्रुप बनाएं, जहां वे खुलकर अपनी समस्या साझा कर सकें.
  • ऐसे कार्यक्रमों का आयोजन करें, जो युवाओं को सही दिशा दिखा सकें. 
  • अगर आपके आसपास कोई बेटिंग की आदत से जूझ रहा है, तो उसे दोष देने की बजाय मदद करने की कोशिश करें.
  • साथ में समय बिताएं और उन्हें वैकल्पिक गतिविधियों के लिए प्रेरित करें.

प्रशासनिक स्तर पर :

  • यह स्तर सबसे ज्यादा प्रभावशाली हो सकता है, क्योंकि सरकार और प्रशासन व्यापक स्तर पर इस समस्या से निपट सकते हैं.
  • अवैध बेटिंग प्लेटफॉर्म्स को बंद करने के लिए सख्त नियम बनाए जाएं. ऐसी वेबसाइट्स और ऐप्स को बैन किया जाए.
  • बैंकों और डिजिटल पेमेंट गेटवे को निर्देश दें कि वे संदिग्ध लेन-देन पर निगरानी रखें. ट्रांजेक्शन्स पर लिमिट लगाने का विकल्प दिया जाए.
  • सरकार और प्रशासन को बड़े स्तर पर जागरूकता अभियान चलाने चाहिए. विज्ञापन, टीवी, और सोशल मीडिया के जरिए इस समस्या के खतरों को लोगों तक पहुंचाया जाए. 
  • उन लोगों के लिए विशेष पुनर्वास केंद्र बनाए जाएं, जो बेटिंग की लत का शिकार हो चुके हैं.
  • मानसिक स्वास्थ्य सेवाओं को इनसे जोड़कर एक मजबूत प्रणाली विकसित की जाए.

ऑनलाइन बेटिंग केवल एक व्यक्तिगत समस्या नहीं, बल्कि समाज और देश की अर्थव्यवस्था को भी प्रभावित करने वाला मुद्दा है. इसे रोकने के लिए व्यक्तिगत प्रयास, सामूहिक जागरूकता और सरकारी नियमों का तालमेल जरूरी है. जब हर स्तर पर लोग मिलकर काम करेंगे, तभी इस चुनौती से प्रभावी ढंग से निपटा जा सकता है.


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IIT के छात्र ने लगाई फांसी, व्हाट्सएप स्टेटस पर लिखा-'ऑनलाइन बेटिंग ऐप्स ड्रग्स'
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IIT के छात्र ने लगाई फांसी, व्हाट्सएप स्टेटस पर लिखा-'ऑनलाइन बेटिंग ऐप्स ड्रग्स', एक्सपर्ट से समझें इससे बचने के आसान तरीके

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इंदौर में आईआईटी के छात्र ने ऑनलाइन सट्टेबाजी के चंगुल में फंसकर आत्महत्या कर ली है.
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इंदौर में आईआईटी के छात्र ने की आत्महत्या