डीएनए हिंदी: भारत की सीमाएं हर तरफ साजिशों से घिरी हुई हैं. एक तरफ हमेशा आतंकी घुसपैठ की तैयारी में जुटा रहने वाला पाकिस्तान है, वहीं दूसरी तरफ सीमाओं में जबरन घुसने की कोशिश में जुटा चीन है. भारत की हर सीमा बेहद संवेदनशील है. ज्यादातर सीमाएं दुर्गम पहाड़ी इलाकों में है, जिसकी वजह से सेना तक हथियार पहुंचाना भी बड़ी चुनौती है.
सेना तक हथियार पहुंचाने के लिए बड़े कार्गो विमान सिर्फ एयरबेस तक ही ले जा सकते हैं, इससे आगे जाने के लिए मीडियम रेंज के कार्गो एयरक्राफ्ट की जरूरत पड़ती है. भारतीय वायुसेना अब एक मीडियम ट्रांसपोर्ट एयक्राफ्ट (MTA) हासिल करने की प्रक्रिया में जुटी है. इन एयरक्राफ्ट्स का निर्माण भारत में ही होगा.
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18 से 30 टन क्षमता के साथ उड़ान भरेंगे विमान
बड़े कार्गो एयरक्राफ्ट की लैंडिंग और बोर्डिंग के लिए बड़े प्लेटफॉर्म की जरूरत पड़ती है. 18 से 30 टन की क्षमता के साथ उड़ान भरने वाले ये विमान हथियार, गोले-बारूदों के साथ उड़ान भर सकेंगे. इनसे सेना तक हथियार आसानी से पहुंचाए जा सकेंगे. इसकी वजह से सीमाई ईलाके ज्यादा सुरक्षित हो जाएंगे. भारत ने अपने महत्वाकांक्षी मेक इन इंडिया प्रोग्राम के जरिए डिफेंस सेक्टर में बड़े बदलाव की शुरुआत की है.
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सीमाओं तक मिनटों में पहुंचेंगे हथियार
मेक इन इंडिया प्रोजेक्ट के तहत भारत की तस्वीर बदल रही है. रक्षा क्षेत्र की जरूरतों को पूरा करने के लिए मिसाइल, फील्ड गन, टैंक, विमान वाहक, ड्रोन, लड़ाकू विमान, टैंक और हेलीकॉप्टर जैसे प्रोजेक्ट पर काम चल रहा है. इन हथियारों को सीमाओं तक पहुंचाने के लिए मीडियम ट्रांसपोर्ट एयरपोर्ट बनाने की भी तैयारियां चल रही हैं. अब अगर एकबार ये विमान वायुसेना में शामिल हो जाते हैं तो सीमाओं पर भारतीय सेना की ताकत और बढ़ सकती है.
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