सुप्रीम कोर्ट ने झारखंड के एक मामले को लेकर तल्ख टिप्पणी की. दरअसल, शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट ने दहेज प्रताड़ना के मामले में सजायाफ्ता झारखंड के हजारीबाग निवासी योगेश्वसर साव की याचिका पर सुनवाई करते हुए उसे कड़ी फटकार लगाई. जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस एन. कोटिश्वस सिंह की बेंच ने शख्स को फटकार लगाते हुए कहा कि आप किस तरह के आदमी हैं, जो अपनी बेटियों की भी परवाह नहीं करते? हम ऐसे निर्दयी व्यक्ति को अपनी अदालत में कैसे आने दे सकते हैं. आप सारा दिन घर पर सरस्वती और लक्ष्मी पूजा करते होंगे, और फिर ये सब.' मामले की सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि अगर अपील करने वाला शख्स अपनी बेटियों को कृषि भूमि देने के लिए तैयार होता है तभी उसे राहत देने का कोई आदेश पारित किया जा सकता है. 

क्या है मामला?
बता दें, कटकमदाग गांव के निवासी योगेश्वर साव उर्फ डब्लू साव की शादी पूनम देवी से 2003 में हुई थी. इसके बाद उन्हें दो बेटियां हुईं. इसके बाद पूनम देवी ने पति पर दहेज के लिए प्रताड़ित करने का आरोप लगाया और 2009 में एफआईआर दर्ज कराई. उन्होंने आरोप लगाया कि पति ने ऑपरेशन करवाकर उनका गर्भाशय निकलवा दिया और दूसरी शादी कर ली. 

पूनम देवी ने खुद और बेटियों के भरण-पोषण के लिए फैमिली कोर्ट में अलग से अर्जी दायर की थी. हजारीबाग जिले के मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी की अदालत ने धारा 498-ए के तहत 2015 में ढाई साल की सजा सुनाई थी. अदालत ने उन्हें 50,000 रुपए के दहेज की मांग को लेकर अपनी पत्नी को प्रताड़ित करने का दोषी पाया था. 

कोर्ट ने योगेश्वर साव को आदेश दिया था कि वह पत्नी को हर महीने दो हजार और बेटियों के बालिग होने तक उन्हें प्रतिमाह एक हजार रुपए की राशि भरण-पोषण के लिए भुगतान करे. इसके बाद योगेश्वर साव ने जिला अदालत द्वारा सुनाई गई सजा के खिलाफ झारखंड हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी. इसके बाद, हाईकोर्ट ने सितंबर 2024 में योगेश्वर की दोषसिद्धि को बरकरार रखा, लेकिन गर्भाशय निकलवाने और दूसरी शादी के आरोपों के संबंध में कोई सबूत नहीं मिलने पर सजा को घटाकर डेढ़ साल कर दिया. इसके साथ ही हाईकोर्ट ने उस पर 1 लाख रुपए का जुर्माना भी लगाया. इसके बाद योगेश्वर साव ने दिसंबर 2024 में सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की. अब सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले पर तल्ख टिप्पणी कर समाज को एक संदेश देने की भी कोशिश की है.  


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Husband got his wife uterus removed Supreme Court reprimanded him said Saraswati Lakshmi pujan in the house then all this understand this entire case of Jharkhand dowry
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पति ने निकलवा दिया पत्नी का गर्भाशय
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पति ने निकलवा दिया पत्नी का गर्भाशय, सुप्रीम कोर्ट ने लगाई फटकार, कहा-'घर में सरस्वती-लक्ष्मी पूजा, फिर ये सब...', समझें पूरा मामला

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