छत्तीसगढ़ के महासमुंद से हाथियों के उग्र होने की खबरें सामने आती रहती हैं. कभी किसी बुजुर्ग पर हमले की खबर मिलती है तो कभी बच्चे पर हमला करने का मामला सामने आता है. ऐसे मानव-हाथी संघर्ष को रोकने के लिए वन विभाग द्वारा एक अनोखी यात्रा निकाली गई है. केरल के वायनाड से भी इस तरह की घटनाएं सामने आ रही हैं. पिछले कुछ दिनों में केरल में हाथियों के हमलों से कई मौतें हुई हैं. जिसको लेकर ग्रामीणों ने हंगामा शुरू किया तो मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन ने स्थिति को देखते हुए 17 फ़रवरी को एक उच्च-स्तरीय बैठक की. ऐसे में सवाल ये है कि शांत रहने वाले गजराज आखिर इतना उग्र क्यों हो रहे हैं? मनुष्यों और हाथियों के बीच बढ़ते संघर्ष को देखते हुए सरकारों को भी उचित समय पर एक्शन लेना है. 

छत्तीसगढ़ में मानव-हाथी संघर्ष को रोकने के लिए महासमुंद जिले में वन विभाग द्वारा जन जागरूकता अभियान 'गजयात्रा' शुरू की गई है. यह गजयात्रा 2021 से चलाई जा रही है. जिसके जरिए लोगों को हाथियों के व्यवहार और सुरक्षा के उपायों बारे में बताया जा रहा है. गज यात्रा को लेकर वन रेंज अधिकारी प्रत्यूष पांडेय ने बताया कि यह गज यात्रा 2021 में शुरु की गई थी. यह यात्रा तीन चरणों में की जाती है. इस यात्रा को निकालने का मकसद है कि लोग हाथियों के प्रति प्रेम दिखाएं और इसके ही अगर हाथी उग्र हो रहे हैं तो उनसे बचने के लिए उनपर हमला करने के बजाय दूसरा तोड़ निकाला जाए. 

जानिए गज यात्रा के तीनों चरण 

पहले चरण में हाथी प्रभावित गांवों के स्कूलों में जाकर बच्चों और शिक्षकों से संवाद करके जागरूकता फैलाना है. दूसरे चरण में हाट-बाज़ार के ज़रिए लोगों को मानव-हाथी मुठभेड़ के दौरान उठाए जाने वाले कदमों के बारे में जागरूक किया जाता है. तीसरे चरण में लोगों को जागरूक करने के लिए फ़िल्में दिखाई जाती हैं. गज यात्रा का मकसद हाथियों के संरक्षण और सुरक्षा को बढ़ावा देना है. यह राज्य में बढ़ते मानव-हाथी संघर्ष की ओर ध्यान आकर्षित करने और समाधान खोजने के लिए वन और पर्यटन विभागों द्वारा संयुक्त रूप से आयोजित किया जाता है. 

 

यह भी पढ़ें- नहीं रहे 'रेडियो किंग' Ameen Sayani, 91 की उम्र में हार्ट अटैक ने ली जान

केरल में भी उग्र हो रहे हाथी 

केरल में जंगली हाथियों के हमलों से लगातार कई लोगों की मौत की खबर सामने आई है. हाथियों के हमले में लोगों की मौत और राज्य सरकार द्वारा इस पर रोक के लिए प्रभावी कदम न उठाए जाने के विरोध में हाल में ही वायनाड जिले में भाजपा समेत अन्य विपक्षी दलों ने जोरदार प्रदर्शन किया था. हाथी के हमलों में पिछले दिनों मारे गए गाइड का शव कोझिकोड मेडिकल कॉलेज से पक्कम लाए जाने पर प्रदर्शनकारियों ने वन विभाग की जीप को रोक लिया था. उन्होंने वन्यजीवों के हमलों को रोकने के लिए पर्याप्त उपाय नहीं करने का आरोप लगाया था. इससे पहले केनिचिरा के पास जंगली हाथी के हमले में एक गाय मृत पाई गई थी. इस पर आक्रोशित लोगों ने गाय का शव लाकर वन विभाग की जीप के बोनट पर रख दिया था और कार्रवाई की मांग की थी. 

 

यह भी पढ़ें- इमरजेंसी के विरोध में दिया था इस्तीफा, 95 साल की उम्र में फाली नरीमन का निधन 

दो साल में कितने लोगों पर हुए हमले 

केरल सरकार द्वारा जारी किए गए आकंड़ों के अनुसार, 2022-23 में जानवरों और इंसानी संघर्ष में 98 लोगों की जान चली गई है, जिसमें से 27 मौतें हाथियों के अटैक से हुई थीं. दो साल के भीतर 8,873 जंगली पशुओं ने इंसानों पर हमला किया. इसमें 4193 हमले अकेले हाथियों ने किए हैं. वहीं, इंसानों और पशुओं के बीच हो रहे टकराव को लेकर केरल में वाइल्डलाइफ एक्ट में बदलाव की मांग हो रही है. केरल विधानसभा में सभी पार्टियों की सहमति से प्रस्ताव भी  लाया जा चुका है. वे केंद्र से मांग कर रहे हैं कि कानून में थोड़ी ढिलाई मिले, जिससे इंसानों को राहत मिल सके.  

इंसानों पर क्यों हमला कर रहे हैं हाथी 

]माना जाता है कि हाथी काफी बुद्धिमान होते हैं. उनमें भी हमारी तरह जटिल भावनाओं को महसूस करने और उन्‍हें व्‍यक्‍त करने की क्षमता होती है. उसके बाद भी हाथी गुस्सैल क्यों होते जा रहे हैं और ग्रामीणों को अपना शिकार बना रहे हैं? ऐसी घटनाओं पर गौर किया जाए तो यह समझ में आएगा कि भोजन की तलाश में हाथी आबादी वाले इलाकों में प्रवेश करते हैं क्योंकि वनों की कटाई से हो रही है. ऐसे में जाहिर से बात है, अगर उनकी जगह को खत्म किया जाएगा तो वह आबादी वाले हिस्से में प्रवेश करेंगे. कई बार हमने देखा है कि इंसानों ने हाथियों के प्रति क्रूरता दिखाई है. मई 2020 की बात करें तो एक गर्भवती हथिनी को पटाखों से भरा अनानास खिला दिया गया था. जो उसके मुंह में फट गया और उसके जबड़े बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गए. दर्द से तड़प रही हथिनी को जब कुछ समझ नहीं आया तो वह वेलियार नदी में जा खड़ी हुई. अपने दर्द को कम करने के लिए वह पूरे समय बस बार-बार पानी पीती रही. उसके बाद में उसकी मौत हो गई. 

देश-दुनिया की ताज़ा खबरों Latest News पर अलग नज़रिया, अब हिंदी में Hindi News पढ़ने के लिए फ़ॉलो करें डीएनए हिंदी को गूगलफ़ेसबुकट्विटर और इंस्टाग्राम पर.

Url Title
human elephant conflict in chhattisgarh kerala demand of wildlife protection act
Short Title
क्यों इंसानों से नाराज हैं हाथी, लोगों में अवेयरनेस के लिए निकाली जा रही है यात्
Article Type
Language
Hindi
Section Hindi
Created by
Updated by
Published by
Page views
1
Embargo
Off
Image
Image
Chhattisgarh Gajraj Yatra
Caption
Chhattisgarh Gajraj Yatra
Date updated
Date published
Home Title

क्यों इंसानों से नाराज हैं हाथी, लोगों में अवेयरनेस के लिए निकाली जा रही है यात्रा

Word Count
874
Author Type
Author