डीएनए हिंदी: गुजरात के मोरबी शहर में मच्छू नदी पर रविवार शाम करीब एक सदी पुराना पुल गिरने से 30 से अधिक लोगों की मौत हो गई और कई अन्य लापता (Morbi Bridge Collapse) हैं. पुल ढहने के समय उस पर लगभग 500 लोग सवार थे. आशंका यह जताई जा रही है कि इनमें से 100 से ज्यादा लोग अभी भी नदी में फंसे हुए हैं जिन्हें बचाने का काम शुरू हो गया है.
अब सवाल यह उठता है कि आखिर यह इतना पुराना पुल अचानक कैसे गिर गया है. अहम बात यह है कि हाल ही में इस पुल का पुनर्निर्माण किया गया है. अधिकारियों के अनुसार हाल ही में पुनर्निर्माण के बाद जनता के लिए फिर से खोला गया था. अधिकारियों का कहना है कि अचानक पुल ढह गया क्योंकि यह उस पर खड़े लोगों का भार सहन नहीं कर सका.
गृहमंत्रालय ने ED को दिया निर्देश, लोन देने वाली खतरनाक चीनी ऐप्स पर करो कार्रवाई
143 साल पुराना है मोरबी का यह पुल
आपको बता दें कि इस पुल का उद्घाटन पहली बार 20 फरवरी, 1879 को मुंबई के गवर्नर रिचर्ड टेम्पल ने किया था. इसे 1880 में लगभग 3.5 लाख रुपये की लागत से पूरा किया गया था. सारा सामान इंग्लैंड से आया था और इसे दरबारगढ़ को नज़रबाग से जोड़ने के लिए बनाया गया था.
गुजरात: मोरबी में टूटा केबल ब्रिज, 500 लोग नदी में गिरे, 30 की मौत, कई लोग लापता
हाल ही में फिर खुला था पुल
आपको बता दें कि अब यह हवा में लटकता हुआ कुंड महाप्रभुजी के आसन और पूरे समाकांठा क्षेत्र को जोड़ता था. यह सस्पेंशन ब्रिज 140 साल से भी ज्यादा पुराना है और इसकी लंबाई करीब 765 फीट है. अहम बात यह है कि यह पुल पिछले दो वर्षों से बंद था और गुजराती नव वर्ष के अवसर पर 26 अक्टूबर को नवीनीकरण के बाद इसे फिर से खोल दिया गया था और आज 30 अक्टूबर को ही यह एक बड़े हादसे का शिकार हो गया है.
देश-दुनिया की ताज़ा खबरों Latest News पर अलग नज़रिया, अब हिंदी में Hindi News पढ़ने के लिए फ़ॉलो करें डीएनए हिंदी को गूगल, फ़ेसबुक, ट्विटर और इंस्टाग्राम पर.
- Log in to post comments
गुजरात के मोरबी में कैसे गिरा 143 साल पुराना पुल? जानिए क्या है इसकी बड़ी वजह