डीएनए हिंदी: हॉकी के खिलाड़ी और भारतीय हॉकी टीम के कप्तान रहे संदीप सिंह (Sandeep Singh) एक बार फिर से चर्चा में हैं. अपने संघर्ष, जीवटता और शानदार खेल के लिए मशहूर संदीप सिंह हरियाणा सरकार में खेल मंत्री (Haryana Sports Minister) थे. यौन उत्पीड़न का आरोप लगने और एफआईआर दर्ज होने के बाद संदीप सिंह ने मंत्रालय छोड़ दिया है. संदीप सिंह ने खेल मंत्रालय का प्रभार मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर (Manohar Lal Khattar) को सौंप दिया है. हरियाणा की महिला स्पोर्ट्स कोच ने आरोप लगाया है कि संदीप सिंह ने उससे कहा कि "तुम मुझे खुश रखो मैं तुम्हें खुश कर दूंगा". संदीप ने इन सभी आरोपों को राजनीति से प्रेरित बताया है. उन्होंने नैतिकता के नाते इस्तीफा दिया है. संदीप सिंह वही खिलाड़ी हैं जिनके जीवन पर "सूरमा" नाम की फिल्म बनी है.

एक खिलाड़ी के तौर पर 36 साल के संदीप सिंह का करियर बेहद शानदार रहा है. उन्होंने भारतीय हॉकी टीम की कप्तानी की और अपनी कप्तानी में भारत को कई खिताब भी जीते. हालांकि, संदीप सिंह का करियर काफी चुनौतियों भरा रहा. एक समय ऐसा हुआ था कि संदीप सिंह व्हीलचेयर पर आ गए थे और चल-फिर पाने में भी असमर्थ थे. हालांकि, संदीप ने वहां भी हार नहीं मानी और लगातार मेहनत करके नेशनल टीम में जगह बनाई.

यह भी पढ़ें- संदीप सिंह पर सेक्सुअल हैरेसमेंट के आरोप में FIR, CM को सौंपा खेल मंत्रालय, जानिए पूरा मामला

कमर में लगी गोली और लगभग खत्म हो गया संदीप सिंह का करियर
साल 2004 में संदीप सिंह ने सुल्तान अजलान शाह कप से इंटरनेशनल लेवल पर अपना डेब्यू किया. साल 2006 में ही एक ऐसा हादसा हुआ जिसने संदीप की सारी उम्मीदें तोड़ दीं. दरअसल, भारतीय टीम दो दिन बाद अफ्रीका जाने वाली थी. संदीप भी टीम का हिस्सा थे. टीम में शामिल होने के लिए वह ट्रेन से सफर कर रहे थे. उनके पीछे किसी शख्स की बंदूक से गलती से गोली चल गई. यह गोली संदीप की कमर में लगी. गोली लगने से संदीप पैरलाइज हो गए और व्हीलचेयर पर बैठने को मजबूर हो गए.

20 साल के संदीप सिंह के बारे में सबको लगने लगा कि अब वह कभी खेल नहीं सकेंगे. हालांकि, संदीप सिंह ने हिम्मत नहीं छोड़ी. अपने भाई बिक्रम सिंह की मदद से संदीप न सिर्फ़ ठीक हुए बल्कि फिट होकर दोबारा खेलने भी लगे. संदीप की मेहनत ही थी कि 2009 में वह टीम के कप्तान बन गए. 2009 में संदीप सिंह की कप्तानी में टीम इंडिया ने 13 साल के लंबे इंतजार के बाद सुल्तान अजलान शाह कप जीता. उनकी अगुवाई में हॉकी टीम ने 2012 के ओलंपिक के लिए भी क्वालिफाई किया.

यह भी पढ़ें- BJP विधायक ने बंगाल पुलिस को दी धमकी, सुधर जाओ वरना थाना फूंक दूंगा

राजनीति में मारी एंट्री और बन गए मंत्री
साल 2019 में हरियाणा विधानसभा चुनाव हुए. इस चुनाव में बीजेपी के लिए सरकार बचाना काफी चुनौतीपूर्ण था. बीजेपी ने कई खिलाड़ियों को चुनाव में उतारा. बीजेपी ने पहलवान योगेश्वर दत्त, पहलवान बबीता फोगाट और हॉकी खिलाड़ी संदीप सिंह को भी चुनाव में उतारा. योगेश्वर और बबीता फोगाट को अपना चुनाव हार गए लेकिन पिहोवा सीट से संदीप सिंह ने चुनाव जीत लिया.

मंत्रिमंडल के गठन की बारी आए तो संदीप सिंह यहां भी अव्वल निकले. हॉकी के दिग्गज खिलाड़ी रहे संदीप सिंह को हरियाणा का खेल मंत्री बनाया गया. उन्होंने खिलाड़ियों के हित में कुछ अहम फैसले भी लिए. हालांकि, अब संदीप सिंह यौन उत्पीड़न के आरोप में फंसे हैं. फिलहाल के लिए उन्होंने मंत्रालय भी छोड़ दिया है और खुद ही मांग की है कि मामले में निष्पक्ष जांच की जाए.

देश-दुनिया की ताज़ा खबरों Latest News पर अलग नज़रिया, अब हिंदी में Hindi News पढ़ने के लिए फ़ॉलो करें डीएनए हिंदी को गूगलफ़ेसबुकट्विटर और इंस्टाग्राम पर. 

Url Title
haryana sports minister sandeep singh hockey india ex captain soorma movie was based on him
Short Title
Sandeep Singh कौन हैं, पढ़िए भारतीय हॉकी टीम के कप्तान से लेकर मंत्री बनने तक का
Article Type
Language
Hindi
Section Hindi
Created by
Updated by
Published by
Page views
1
Embargo
Off
Image
Image
Sandeep Singh
Caption

Sandeep Singh

Date updated
Date published
Home Title

संदीप सिंह: गोली लगी तो पैरालाइज हो गए, हॉकी में कप्तानी की, अब छोड़ना पड़ा मंत्री पद