डीएनए हिंदी: पंजाब विधानसभा चुनाव से ठीक पहले कांग्रेस (Congress) पार्टी में गुटबाजी इतनी बढ़ी कि कैप्टन अमरिंदर सिंह को हटाकर चरणजीत सिंह चन्नी को मुख्यमंत्री बनाया गया. इसके बावजूद पंजाब कांग्रेस के अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू का रुख बगावती ही रहा. ठीक ऐसा ही कुछ हरियाणा में हो रहा है. पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा (Bhupinder Singh Hooda) ने कांग्रेस हाई कमान पर दबाव बनाकर कुमारी शैलजा को हरियाणा कांग्रेस के अध्यक्ष पद से हटवा दिया. हुड्डा के करीबी उदय भान को अध्यक्ष बनाए जाने के बाद उम्मीद जताई जा रही थी कि अब भूपेंद्र हुड्डा शांत रहेंगे. इसके बावजूद, हाल ही में कांग्रेस छोड़ने वाले गुलाम नबी आजाद (Ghulam Nabi Azad) से भूपेंद्र हुड्डा की मुलाकात ने पार्टी के कान खड़े कर दिए हैं. पार्टी नेताओं को डर है कि कहीं पंजाब की तरह ही हरियाणा में कांग्रेस बिखर जाए और विधानसभा चुनाव में उसे नुकसान उठाना पड़े.
कांग्रेस नेतृत्व से लगातार मुलाकात करने वाले भूपेंद्र हुड्डा जी-23 गुट में भी शामिल थे. ज्यादातर जी-23 नेताओं को किनारे लगा दिए जाने के बावजूद हुड्डा ने कुमारी शैलजा की जगह उदय भान को हरियाणा कांग्रेस का अध्यक्ष बनवा लिया. यही कारण रहा कि अपनी बारी का इंतजार कर रहे कुलदीप बिश्नोई को झटका लगा और वह कांग्रेस छोड़कर बीजेपी में शामिल हो गए. अपने मन के मुताबिक अध्यक्ष बनवाने में कामयाब होने के बावजूद भूपेंद्र हुड्डा जी-23 के समर्थन में बोलते रहे हैं.
यह भी पढ़ें- भारत के पास हैं कितने चिनूक हेलीकॉप्टर, क्या हैं क्षमताएं, क्यों है सेना के लिए खास?
गुलाम नबी आजाद से मिले भूपेंद्र सिंह हुड्डा
मंगलवार को भपेंद्र हुड्डा ने गुलाम नबी आजाद से मुलाकात की. इस दौरान महाराष्ट्र के पूर्व सीएम पृथ्वीराज चव्हाण और आनंद शर्मा भी मौजूद थे. आपको बता दें कि ये दोनों नेता भी कांग्रेस के खिलाफ जमकर बयानबाजी कर रहे हैं. गुलाम नबी आजाद के इस्तीफे पर भी कहा था कि पार्टी को उनसे बात करनी चाहिए थी. हुड्डा की इस तरह की गतिविधियों को कांग्रेस खुद ही उन पर पूरी तरह से भरोसा नहीं कर पा रही है.
यह भी पढ़ें- क्या बदल जाएगा Taj Mahal का नाम? आगरा नगर निगम में आज लाया जाएगा प्रस्ताव
एक तरफ भूपेंद्र हुड्डा खुद सीएम कैंडिडेट बनना चाहते हैं, दूसरी तरफ कांग्रेस के बागियों से मुलाकात कर रहे हैं. यही बातें पार्टी के बिखराव का संकेत दे रही हैं. 2024 में हरियाणा के विधानसभा और लोकसभा चुनाव होने हैं. कुलदीप बिश्नोई और अशोक तंवर जैसे नेता पहले ही पार्टी से अलग हो चुके हैं. हुड्डा ही एकमात्र चेहरे के तौर पर आगे हैं लेकिन अगर वही पार्टी से बगावत कर जाते हैं तो कांग्रेस का हाल बहुत बुरा हो जाएगा.
देश-दुनिया की ताज़ा खबरों Latest News पर अलग नज़रिया, अब हिंदी में Hindi News पढ़ने के लिए फ़ॉलो करें डीएनए हिंदी को गूगल, फ़ेसबुक, ट्विटर और इंस्टाग्राम पर.
- Log in to post comments
Haryana में कांग्रेस की लुटिया डुबा देगी आपसी गुटबाजी? भूपेंद्र हुड्डा का रुख बढ़ा रहा टेंशन