हरियाणा चुनाव को लेकर आम आदमी पार्टी और कांग्रेस पार्टी के बीच गठबंधन को लेकर काफी बातचीत हुई लेकिन अंत में दोनों डील फाइनल न कर सके. सोमवार को आम आदमी पार्टी ने हरियाणा की 20 विधानसभा सीटों पर अपने प्रत्याशियों की लिस्ट जारी कर दी है. सोमवार दोपहर को आप सांसद संजय सिंह ने कहा, 'अब सिर्फ पार्टी सुप्रीमो (अरविंद केजरीवाल) की हां का इंतजार है. जैसे ही सीएम केजरीवाल की हरी झंडी मिल जाएगी, वैसे ही AAP की सूची जारी हो जाएगी.' इस बयान के बाद शाम को आप ने उम्मीदवारों की लिस्ट जारी कर दी.
क्यों नहीं हुआ गठबंधन
मिली जानकारी के अनुसार, इस गठबंधन में सबसे बड़ी बाधा थी सीटों का बंटवारा. आम आदमी पार्टी ने 10 सीटों की मांग की थी, लेकिन कांग्रेस की तरफ से 3 से 5 सीटों का ऑफर दिया या था. आम आदमी पार्टी का तरफ से डिमांड की गई सीटें देने को कांग्रेस तैयार नहीं थी. काफी बातचीत होने के बाद भी कांग्रेस सीटें देने को राजी नहीं हुई और जो पांच सीटें देने को राजी हुई वहां सभी सीटों पर BJP का होल्ड है. यानी गठबंधन के बाद भी जीतना थोड़ा मुश्किल होता.
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AAP ने जारी की लिस्ट
आप और कांग्रेस पार्टी की लोकल लाडरशिप गठबंधन के खिलाफ थी. वहीं, राहुल गांधी इस गठबंधन को लेकर इच्छुक थे. लेकिन मतभेद सीटों की पसंद को लकर था. इस बीच अब आम आदमी पार्टी ने 20 उम्मीदवारों की पहली लिस्ट जारी कर दी है. ऐसे में कहा जा सकता है कि गठबंधन की उम्मीद टूट गई है. अब बड़ा सवाल ये हा कि इससे फायदा किसे होगा? AAP ने अपनी पहली लिस्ट में 20 सीटों पर उम्मीदवारों के नाम का ऐलान किया है. जिन 11 सीटों पर कांग्रेस पहले ही उम्मीदवार घोषित कर चुकी है, वहां पर भी AAP ने प्रत्याशी उतारे हैं. ये सीटें हैं- उचाना कलां, मेहम, बादशाहपुर, नारायणगढ़, समालखा, दाबवली, रोहतक, बहादुरगढ़, बादली, बेरी और महेन्द्रगढ़.
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न सीटें मिलीं, न बात बनी...हरियाणा में क्यों टूटा AAP- कांग्रेस का गठबंधन, जानें वजह