हरियाणा में 50,000 परिवार ऐसे हैं, जिनकी आए शून्य है. नागरिक संसाधन सूचना विभाग (CRID) की रिपोर्ट में इसका खुलासा हुआ है. रिपोर्ट के सामने आते ही नायाब सिंह सैनी सरकार ने ऐसे परिवारों की आय की जांच के आदेश दिए है. हरियाणा में गरीबी रेखा से नीचे आने वाले परिवारों को राज्य की कल्याणकारी योजानाओं में फायदा मिलता है. इन योजनाओं का लाभ लेने के लिए परिवार पहचान पत्र (Family ID) अनिवार्य है. इस फैमिली आईडी में परिवार की इनकम लिखी रहती है.
CRID ने 13 मई 2025 को जारी की रिपोर्ट में बताया कि 50,108 परिवारों के पहचान पत्र में इनकम के शून्य दिखाया गया है. इनमें से 10,000 परिवारों की आए की जांच हो चुकी है, जबकि 39,000 की अभी बाकि है. आशंका जताई जा रही है कि सरकार की कल्याणकारी योजनाओं का लाभ लेने के लिए डाटा में गलत जानकारी दी गई है. सरकार ने इन परिवारों के पहचान पत्र में दी गई आए की जांच के लिए शिक्षकों को वालंटियर के रूप में जिम्मेदारी सौंपी गई है.
सरकार इन 12 पॉइंट्स की कराएगी जांच
नायब सैनी सरकार ने जांच के लिए 12 पॉइंट्स को शामिल किया है. इनमें परिवार के मुखिया और अन्य सदस्यों की कुल आय, इनकम सोर्स कैटेगरी वाइज, वार्षिक औसत आय, कुल संपत्ति, प्रापर्टी ID नंबर, वाहन समेत अन्य चीजों की जानकारी ली जाएगी.
बीपीएल कार्ड धारकों को किया मिलता है फायदा
हरियाणा में गरीबी रेखा से नीचे (BPL) कार्ड धारकों को हर महीने 35 किलो अनाज दिया जाता है. जिसमें 15 किलो गेहूं और 20 किलो चावल मिलता है. बीपीएल राशन कार्ड पीले रंग का होता है. जबकि अंत्योदय अन्न योजना (AAY) राशन कार्ड गुलाबी रंग का होता है. इसके अलावा पीपीएल कार्ड धारकों को रहने के लिए प्लाट, बच्चों को स्कॉलरशिप दी जाती है.
Citizen Resource Information Department की रिपोर्ट के बाद बड़े धांधली का खुलासा हो सकता है. सूत्रों की माने तो इन सरकारी योजनाओं का लाभ लेने के लिए लोगों ने फैमिली आईडी में आय जीरो दिखाकर बीपीएल कार्ड बनवा रखे हैं.
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nayab singh saini
CRID Report: ये कैसा झोल! हरियाणा में 50,000 परिवारों की आय शून्य, CRID की रिपोर्ट में बड़ा खुलासा