ज्ञानवापी विवाद में इलाहाबाद हाई कोर्ट ने अपना फैसला सुना दिया है. मुस्लिम पक्ष की याचिका पर सुनवाई करते हुए हाई कोर्ट ने कहा है कि तहखाने में हो रही पूजा पर रोक नहीं लगाई जाएगी. इसका मतलब है कि वाराणसी की जिला अदालत के फैसले के बाद ज्ञानवापी के तहखाने में शुरू कराई गई पूजा जारी रहेगी. ज्ञानवापी मस्जिद का प्रबंधन देखने वाली अंजुमन इंतजामिया मसाजिद कमेटी की याचिका को हाई कोर्ट ने खारिज कर दिया. हाल ही में वाराणसी जिला अदालत ने तहखाने में पूजा की अनुमति दी थी जिसके बाद जिला प्रशासन ने पूजा शुरू भी करवा दी थी.
हाई कोर्ट के फैसले के बाद हिंदू पक्ष के वकील विष्णु शंकर जैन ने कहा, "आज इलाहाबाद हाई कोर्ट ने अंजुमन इंतजामिया की दोनों याचिकाओं को खारिज कर दिया है. इसका मतलब है कि जो पूजा चल रही थी वह वैसे ही चलती रहेगी. अगर वे सुप्रीम कोर्ट जाएंगे तो हम भी सुप्रीम कोर्ट में अपनी बात रखेंगे."
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Gyanvapi Mosque case | Advocate Vishnu Shankar Jain, representing the Hindu side says "Today, the Allahabad High Court has dismissed the first appeal from orders of Anjuman Intezamia wherein the order of 17th and 31st January passed by Varanasi District Court was under challenge… pic.twitter.com/pOf5BKWQ8f
— ANI (@ANI) February 26, 2024
इलाहाबाद HC के आदेश की मुख्य बातें-
- 1937 से लेकर दिसंबर 1993 तक किसी भी वक़्त इस तहखाने पर मुस्लिम पक्ष का अधिकार नहीं रहा.
- हालांकि, हिंदू पक्ष प्रथम दृष्टया 1551से ही इस जगह पर कब्जे को साबित करने मे कामयाब हो रहा है
- 1993 तक तहखाने में चल रही पूजा को राज्य सरकार ने बिना किसी लिखित आदेश के गैरकानूनी कार्रवाई करके रोक दिया
- संविधान का अनुच्छेद 25 देश के आम नागरिक को धार्मिक स्वतंत्रता का अधिकार देता है. इस अधिकार को सरकार मननाने तरीके से नहीं छीन सकती.
- तहखाने में पूजा अर्चना करते आए व्यास परिवार को सिर्फ मौखिक आदेश के जरिए पूजा अर्चना के अधिकार सेवंचित नहीं किया जा सकता.
- 31 जनवरी को दिए जिला जज के आदेश पर ये कहते हुए कोर्ट की गरिमा को नुकसान पहुंचाने की कोशिश की गई है कि जज ने अपने कार्यकाल के आखिरी दिन ऐसा आदेश पास किया है ( कोर्ट ने इसे गलत माना)
क्या है ज्ञानवापी का विवाद?
इसी मामले में इंतजामिया कमेटी ने सीधे सुप्रीम कोर्ट में अपील दायर की थी जिसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने हाई कोर्ट जाने को कहा था. बता दें कि लंबे समय से ज्ञानवापी मस्जिद को लेकर विवाद जारी है. हिंदू पक्ष का दावा है कि ज्ञानवापी मस्जिद असल में एक मंदिर है. इसी को लेकर कुछ समय पहले ASI की ओर से एक सर्वे भी करवाया गया था. इस सर्वे की रिपोर्ट में मंदिर होने के कुछ सबूत भी पेश किए गए थे.
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वाराणसी में काशी विश्वनाथ मंदिर और ज्ञानवापी मस्जिद एक-दूसरे से ठीक सटे हुए हैं. हिंदू पक्ष का दावा है कि पहले ज्ञानवापी के तहखाने में पूजा होती थी लेकिन बाबरी मस्जिद के विध्वंस के बाद बिगड़ी स्थिति के चलते यहां पूजा पर रोक लगा दी गई थी.
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ज्ञानवापी के तहखाने में होती रहेगी पूजा, हाई कोर्ट ने रोक लगाने से किया इनकार