गुजरात के मोरबी जिले से एक हैरान करने वाला मामला सामने आया है. जहां 10 साल पहले आए रिश्वतखोरी के मामले मे कोर्ट ने आरोपी पुलिसकर्मी को दोषी पाते हुए 5 साल की सजा सुनाई है. दरअसल, पुलिसकर्मी पर पासपोर्ट वेरिफिकेशन के लिए रिश्वत मांगने का आरोप था और उसे एसीबी ने रंगे हाथ पकड़ लिया था. अब कोर्ट ने पुलिसकर्मी को 5 साल कारावास और जुर्माने की सजा सुनाई है.
क्या है पूरा मामला
मिली जानकारी के मुताबिक, साल 2014 में शिकायतकर्ता मनोज हेडाऊ के भाई की पत्नी पूजाबेन को नैरोबी जाना था जिसके लिए उन्हें पासपोर्ट बनवाने की प्रक्रिया की. जिसके लिए 17 मार्च 2014 को मालिया पुलिस स्टेशन से भाई की पत्नी पूजाबेन का फोन आने पर वह वहां गया और पुलिसकर्मी अमरतभाई ने हस्ताक्षर लिए और बाद में 500 रुपये देने को कहा. इसपर पूजा ने पूछा की सारी फीस तो पहले ही भर दी गई है, फिर ये पैसे क्यों देने हैं.
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इसके बाद भी पुलिसकर्मी अमरत मकवाणा ने दूसरे दिन भी फोन करके पैसों की मांग की, लेकिन रिश्वत की रकम नहीं देना चाहती थी. इसके बाद मनोज ने एंटी करप्शन ब्यूरो से शिकायत की और एसीबी की टीम ने जाल बिछाकर रिश्वतखोर पुलिस अधिकारी को गिरफ्तार कर लिया. अदालत ने आरोपी अमरत मकवाना को भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धारा के तहत अपराध का दोषी ठहराते हुए उसे 5 साल की कारावास और 1 हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई है.
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पुलिसकर्मी को Court ने सुनाई 5 साल की सजा, 500 रुपये रिश्वत लेने के मामले में 5 साल बाद आया फैसला