डीएनए हिंदी: गुजरात सरकार के मंत्री राघवजी पटेल के साथ ऐसा वाकया हुआ जिससे हर कोई हैरान रह गया. एक कार्यक्रम में पहुंचे राघवजी पटेल को एक छोटे से पात्र में कुछ दिया गया. उन्हें लगा कि यह चरणामृत है और वह पलक झपकते ही उसे पी गए. बाद में उन्हें बताया गया कि इसे पीना नहीं था क्योंकि यह चरणामृत नहीं शराब थी. इस पर मंत्री जी झेंप गए और उन्होंने कहा कि अनजाने में वह ऐसा कर गए, इससे जुड़े रीति-रिवाजों की उन्हें जानकारी नहीं थी. अब यह वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है.
मामला गुजरात के नर्मदा जिले का है. यहां आयोजित एक सरकारी कार्यक्रम में राज्य सरकार के कृषि और पशुपालन मंत्री राघवजी पटेल भी पहुंचे थे. इसी कार्यक्रम में एक आदिवासी अनुष्ठान में भाग लेने के लिए कहा गया. कार्यक्रम में शामिल हुए आदिवासी पुजारी, सवतु वसावा अपने साथ धरती पर चढ़ाने के लिए कुछ पत्तियां, चावल के दाने, नारियल और देशी शराब से भरी कांच की बोतलें लाए थे.
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रोकते रह गए बाकी के नेता
सामने आए वीडियो में देख सकते हैं कि कार्यक्रम में राघजवी पटेल के साथ विधायक मोतीलाल वसावा और नर्मदा जिले के बीजेपी अध्यक्ष शंकर वसावा और कई स्थानीय नेता भी मौजूद थे. अनुष्ठान के दौरान पत्ते से बने प्याले में राघवजी पटेल को शराब दी गई. उन्हें लगा कि पूजा हो रही है तो यह चरणामृत होगा. बाकी के नेता इंतजार ही कर रहे थे इतने में राघवजी पटेल पत्ते में रखी शराब को पी गए. बाकी के नेताओं ने उन्हें रोकने की कोशिश भी की लेकिन तब तक वह शराब पी चुके थे.
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इसके बारे में पूछे जाने पर राघवजी पटेल ने कहा, 'मैं आदिवासी रीति-रिवाजों से अनभिज्ञ हूं. यह मेरी पहली यात्रा है. हमारे अनुष्ठानों में हमें हाथ में चरणामृत दिया जाता है और उसका सेवन किया जाता है. मुझे लगा कि यह ऐसा ही कुछ था. मेरी कम जानकारी के कारण ऐसा हुआ.' वहीं, विधायक मोतीलाल वसावा ने कहा कि हमें गर्व है कि मंत्रीजी ने हमारे कार्यक्रम में हिस्सा लिया और उन्होंने आदिवासियों का दिल जीत लिया.
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शराब को चरणामृत समझकर पी गए मंत्री, सच पता लगा तो बोले, 'मुझे पता नहीं था'