असम के जोरहाट जिले की पुलिस मंगलवार रात एक अपराधी को गिरफ्तार करने के लिए छापेमारी कर रही थी. पुलिस ने गूगल मैप्स पर लोकेशन की पुष्टि की, लेकिन मैप्स की गड़बड़ी के चलते टीम नागालैंड के मोकोकचुंग जिले में पहुंच गई. 16 पुलिसकर्मियों की यह टीम एक चाय बागान में पहुंची, जिसे मैप्स ने असम का हिस्सा बताया था, लेकिन वह वास्तव में नागालैंड में स्थित था.
जवानों को बनाया बंधक
जैसे ही पुलिस टीम नागालैंड के इलाके में पहुंची, वहां के स्थानीय लोगों ने उन्हें शरारती तत्व समझ लिया. जिसके बाद स्थिति और बिगड़ गई क्योंकि 16 में से केवल तीन सदस्य वर्दी में थे, बाकी सादे कपड़ों में थे. स्थानीय लोगों ने उन पर हमला किया, जिससे एक जवान घायल हो गया. इसके बाद पूरी टीम को बंधक बना लिया गया.
ये भी पढ़ें: फर्जी नाम, फर्जी सर्टिफिकेट... 35 साल से थाने में होम गार्ड की नौकरी करता रहा कुख्यात गैंगस्टर
सुबह मिली रिहाई
जोरहाट पुलिस ने तुरंत नागालैंड के मोकोकचुंग जिले के एसपी से संपर्क किया. जिसके बाद पुलिस टीम भेजी गई और बातचीत के बाद स्थानीय लोगों ने उन्हें रिहा कर दिया. अगली सुबह स्थिति स्पष्ट होने पर सभी जवानों को सुरक्षित रिहा कर दिया गया. यह घटना न केवल गूगल मैप्स की निर्भरता पर सवाल खड़े करती है, बल्कि असम-नागालैंड सीमा विवाद की संवेदनशीलता को भी उजागर करती है.
(With PTI inputs)
खबर की और जानकारी के लिए डाउनलोड करें DNA App, अपनी राय और अपने इलाके की खबर देने के लिए जुड़ें हमारे गूगल, फेसबुक, x, इंस्टाग्राम, यूट्यूब और वॉट्सऐप कम्युनिटी से.
- Log in to post comments
Google Map पर भरोसा करना पड़ा भारी, छापेमारी करने निकले असम पुलिस के जवान नागालैंड में बने बंधक