सुप्रीम कोर्ट में न्याय की देवी की प्रतिमा को लेकर नया अपटेड आया है. इसको लेकर बड़ा फैसला लेते हुए SC ने नई प्रतिमा स्थापित किया है. नई प्रतिमा को पुरानी के मुकाबले कुछ तब्दीली के साथ लगाया गया है. प्रतिमा में आंखों से पट्टी उतार दी गई है. साथ ही हाथ में तलवार की जगह अब संविधान को रखा गया है. ये परिवर्तन भारत के चीफ जस्टिस (CJI) की पहल पर करवाए गए हैं. इसको लेकर डीवाई चंद्रचूड़ ने निर्देश दिए थे. इस बदलाव का मुख्य लक्ष्य ये बताना है कि देश का कानून सबसे लिए बराबर है, और वो अंधा नहीं है.
New Delhi: CJI Chandrachud Orders Changes to Supreme Court's Justice Statue
— IANS (@ians_india) October 16, 2024
Chief Justice of India, D.Y. Chandrachud, has directed changes to the statue of the Goddess of Justice at the Supreme Court. The statue’s traditional blindfold has been removed, symbolizing transparent… pic.twitter.com/XBePehNg7k
क्यों किया गया ये बदलाव?
आपको बताते चलें कि नई प्रतिमा को सुप्रीम कोर्ट के जजों के लिए बनी लाइब्रेरी में स्थापित किया जाएगा. दरअसल पुरानी प्रतिमा में कानून की देवी की आंखों में पट्टी लगी हुई थी, जिसकी समय-समय पर खूब आलोचना होती थी. साथ ही हाथ में तलवार को लेकर भी लोग कई तरह की बातें करते थे. इन्हीं सभी बातों को ध्यान में रखते हुए प्रतिमा में बदलाव किए गए हैं.
क्या है इंसाफ की प्रतिमा की तारीख
इंसाफ की देवी की प्रतिमा की बात करें तो ये हमें कोर्ट रूम में नजर आते हैं. हमनें इसे कई बार फिल्मों में भी देखते हैं. दरअसल ये एक यूनानी देवी हैं. इस देवी का नाम जस्टिया है. जस्टिस शब्द भी वहीं से अपने वजूद में आया है. उनकी आंखों में पट्टी का अर्थ ये होता था कि वो लोगों को देखकर इंसाफ नहीं करती है, मतलब वो हमेशा निष्पक्ष फैसला देती हैं. 17वीं सदी में अंग्रेज अधिकारी ने इसे भारत में लाया था. 18वीं सदी के दौरान ये अम तोर पर कोर्ट में इस्तेमाल होने लगी. आजादी के बाद भी ये प्रतिमा इंसाफ की मूर्ति के तौर पर इस्तेमाल होती रही. अब इसे नए और भारतीय अंदाज में लाया जा रहा है.
ख़बर की और जानकारी के लिए डाउनलोड करें DNA App, अपनी राय और अपने इलाके की खबर देने के लिए जुड़ें हमारे गूगल, फेसबुक, x, इंस्टाग्राम, यूट्यूब और वॉट्सऐप कम्युनिटी से.
- Log in to post comments
New Justice Statue: भारत में अब 'अंधा कानून' नहीं! इंसाफ की देवी की आंखों से पट्टी हटी, हाथ में थामा संविधान