डीएनए हिंदी: हिमाचल प्रदेश, पंजाब और हरियाणा में भारी बारिश के चलते यमुना नदी ने जमकर तबाही मचाई. अब यमुना का पानी थोड़ा कम हुआ तो गंगा नदी लोगों के लिए काल बन रही है. उत्तराखंड में भारी बारिश के चलते गंगा नदी का जलस्तर कई जगहों पर खतरे के निशान के निशान को पार कर चुका है. हरिद्वार में एक बैराज का गेट टूटने के बाद पानी का बहाव काफी तेज हो गया है. इससे उत्तराखंड के साथ-साथ उत्तर प्रदेश के कई जिलों में बाढ़ का खतरा मंडराने लगा है. भारी बारिश के बीच जीवीके बांध परियोजना से लगातार पानी छोड़ा जा रहा जिसके चलते कई नदियों की धाराओं में पानी का बहाव तेज हो गया है.
भारी बारिश के कारण भूस्खलन होने से विभिन्न सड़कों पर यातायात बाधित हुआ जबकि अलकनंदा नदी पर बने बांध से भारी मात्रा में छोड़े गए पानी से देवप्रयाग में गंगा नदी खतरे के निशान को और हरिद्वार में चेतावनी स्तर को पार कर गई. पौड़ी जिले के श्रीनगर में अलकनंदा के चेतावनी स्तर से ऊपर बहने के कारण उस पर बनी जीवीके प्रोजेक्ट के बांध से सुबह 2000-3000 क्यूसेक पानी छोड़े जाने के बाद बारिश से उफनाई गंगा के जलस्तर में जबरदस्त उछाल आया.
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लगातार बढ़ रहा गंगा का पानी
रविवार देर शाम तक टिहरी जिले में देवप्रयाग संगम पर गंगा खतरे के निशान 463 मीटर का स्तर पार कर 463.20 मीटर पर पहुंच गई. इससे संगम घाट, रामकुंड, धनेश्वर घाट और फुलाड़ी घाट में पानी भर गया. टिहरी जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी बृजेश भट्ट ने बताया कि जिला प्रशासन लगातार मुनादी कर लोगों को नदी के किनारों से दूर रहने के लिए आगाह कर रहा है. उन्होंने बताया कि ऋषिकेश के पास टिहरी के मुनि की रेती क्षेत्र में भी गंगा का जलस्तर 339.60 मीटर हो गया जो 339.50 के चेतावनी स्तर से 0.10 मीटर ऊपर है. उधर, बांध से छोड़े गए पानी से हरिद्वार में रविवार शाम गंगा 293 मीटर के चेतावनी स्तर को पार कर 293.15 मीटर पर पहुंच गया.
Uttarakhand | The water level of river Ganga along with Alaknanda has increased due to the release of water from Srinagar's GVK Dam Project Company. The Ganga River rose by 20 meters in Devprayag and .10 meters by the time it reached Rishikesh. The district administration is… pic.twitter.com/HExbgnuFWk
— ANI UP/Uttarakhand (@ANINewsUP) July 17, 2023
यूपी कैनाल हेडवर्क के एसडीओ शिवकुमार कौशिक ने बताया कि गंगा के बढ़े स्तर से निचले इलाकों में अलर्ट कर दिया गया है. उन्होंने बताया कि इससे पहले से बाढ़ जैसे हालात से जूझ रहे हरिद्वार के लक्सर और खानपुर क्षेत्रों के अलावा उत्तर प्रदेश के नदी किनारे के इलाकों मे बाढ़ का खतरा हो सकता है. उधर, हरिद्वार में भारी मात्रा में पानी आने से भीमगोड़ा बैराज का एक गेट क्षतिग्रस्त हो गया जिससे गंगा का पानी अनियंत्रित होकर बह रहा है.
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अब यूपी और उत्तराखंड पर मंडराया खतरा
राज्य आपदा परिचालन केंद्र ने हरिद्वार के जिलाधिकारी धीरज सिंह को गेट नंबर 10 को जल्द ठीक करने के निर्देश दिए हैं ताकि टूटे गेट से तेज गति से पानी बहने के कारण संभावित भारी नुकसान को रोका जा सके. हरिद्वार में पिछले कुछ दिनों से लगातार हो रही बारिश के चलते लक्सर, खानपुर, रूड़की, भगवानपुर और हरिद्वार तहसीलों के 71 गांवों में बाढ़ जैसे हालात बने हुए हैं. वहां राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ), राज्य आपदा प्रतिवादन बल (एसडीआरएफ), सेना और पुलिस की मदद से बचाव और राहत कार्य चलाए जा रहे हैं.
चमोली जिले के जोशीमठ क्षेत्र में नीति घाटी में गिर्थी गंगा नदी में मलबे के साथ अत्यधिक पानी आने के कारण जोशीमठ-मलारी मोटर मार्ग पर मलारी से आठ किलोमीटर आगे नदी पर बने पुल का अबेटमेंट (पुल को सहारा देने वाली संरचना) क्षतिग्रस्त हो गया. पिथौरागढ़ के धारचूला क्षेत्र में काली नदी का जलस्तर चेतावनी स्तर 889 मीटर से ऊपर बह रहा है. प्रदेश के विभिन्न जिलों में बारिश के कारण भूस्खलन होने से दर्जनों मार्ग बाधित हैं. देहरादून मौसम केंद्र द्वारा जारी पूर्वानुमान में प्रदेश के सभी 13 जिलों में रविवार और सोमवार को बारिश का ‘आरेंज अलर्ट’ जारी किया गया है जबकि कुमांऊ क्षेत्र के उधमसिंह नगर, नैनीताल, चंपावत, अल्मोड़ा, बागेश्वर और पिथौरागढ़ जिलों के लिए 18 जुलाई को भी बारिश का ‘आरेंज अलर्ट’ रखा गया है.
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यमुना के बाद अब गंगा मचा रही तबाही, हरिद्वार में टूटा बैराज का फाटक