डीएनए हिंदी: भारत G-20 सम्मेलन की अध्यक्षता करने जा रहा है. G-20 सम्मेलन के लिए भारत ने अपने लोगों में धरती के साथ कमल के फूल को भी शामिल किया है. प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने इस सप्ताह की शुरुआत में जी -20 प्रतीक, थीम और वेबसाइट का अनावरण किया था. विपक्षी नेताओं का एक धड़ा, इस लोगो को लेकर सवाल खड़े कर रहा है. विपक्ष का कहना है कि भारत का ही भगवाकरण किया जा रहा है. रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने विपक्ष के आरोपों को लेकर अपनी सफाई पेश की है और आलोचकों को फटकार लगाई है.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लोगो की लॉन्चिंग के वक्त कहा था कि एक पृथ्वी, एक परिवार, एक भविष्य. यही हमारा जी -20 मंत्र है. उन्होंने लोगो में कमल को इस कठिन समय में आशा का प्रतीक बताया था.
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'कमल के फूल पर हंगामा कर रहे हैं लोग'
रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने कहा, 'हमारी विरासत से जुड़े प्रतीकों को लेकर विवाद पैदा किए जाते हैं. एक लोगो के अनवारण पर हंगामा हो रहा है. जी-20, जिसकी वैश्विक जीडीपी में करीब 85 फीसदी हिस्सेदारी है, उसके लोगो में कमल है. कुछ लोगों ने प्रतीक के इस्तेमाल को लेकर तूफान खड़ा कर दिया. लोग कह रहे हैं कि यह भारतीय जनता पार्टी का प्रतीक है.'
भारत के सांस्कृतिक पहचान से जुड़ा है कमलराजनाथ सिंह ने कहा, 'सच्चाई यह है कि 1950 में कमल के फूल को भारत सरकार ने राष्ट्रीय पुष्प घोषित किया था. कमल का फूल भारत की सांस्कृतिक पहचान से जुड़ा है.'
#WATCH | Defence Min says, "PM released logo for G20. Logo had a Lotus. People say it's BJP symbol. There's a limit! Lotus was declared national flower in 1950 as it's India's cultural symbol. In 1857 struggle, freedom fighters fought with roti in one hand & lotus in another..." pic.twitter.com/GmM6YMuFey
— ANI (@ANI) November 13, 2022
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एक हाथ में रोटी-दूसरे में कमल लेकर लड़े थे क्रांतिकारी
राजनाथ सिंह ने कहा, '1857 में, आजादी के मतवालों ने एक हाथ में कमल और दूसरे हाथ में रोटी लेकर आजादी की लड़ाई लड़ी थी. यह है कमल का फूल. क्या हम कमल के फूल को भुला दें. क्या प्रधानमंत्री ने कोई अपराध किया है? किसी पार्टी का चुनाव चिह्न है इसलिए हमें इसे छोड़ देना चाहिए. इसके राष्ट्रीय पुष्प होने की मान्यता रद्द कर देनी चाहिए. क्या पंजा शब्द का प्रयोग ही नहीं करना चाहिए.'
राजनाथ सिंह पृथ्वीराज चौहान की प्रतिमा के अनावरण समारोह में शामिल हुए थे. वहीं उन्होंने कमल के फूल को लेकर यह बातें कहीं और विरोधियों पर निशाना साधा. उन्होंने इस कार्यक्रम की कई तस्वीरें भी शेयर की हैं.
G-20 पर क्या बोले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी?
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी-20 बैठक को लेकर उत्साहित हैं. प्रधानमंत्री मोदी ने इस बात पर जोर दिया है कि जी-20 की अध्यक्षता भारत के लिए एक राजनयिक बैठक भर नहीं है. यह एक नई जिम्मेदारी है. भारत में दुनिया के भरोसे का यह एक पैमाना है. यह सम्मेलन 1 दिसंबर से प्रस्तावित है.
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G20 के लोगो में 'कमल' देख भड़के लोग, राजनाथ सिंह ने सवाल उठाने वालों को फटकारा