डीएनए हिंदी: बीते कुछ महीनों में बिहार और झारखंड के कुछ स्कूलों में रविवार के बजाय शुक्रवार को छुट्टी करने के मामला सामने आया. भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने आरोप लगाए कि स्कूलों के 'इस्लामीकरण' के आरोप लगाए. अब यह मामला संसद तक भी पहुंच गया है. बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे ने लोकसभा में दावा किया है कि झारखंड के 1,800 स्कूलों में रविवार के बजाय शुक्रवार को छुट्टी दी जा रही है. उन्होंने मांग की है कि इस मामले की जांच एनआईए से कराई जाए. उन्होंने यह भी कहा कि इन स्कूलों ने अपने नाम में उर्दूब के शब्द भी शामिल किए हैं.
निशिकांत दुबे ने शुक्रवार को लोकसभा में कहा, 'मैं झारखंड राज्य में हो रहे इस्लामीकरण की ओर ध्यान दिला रहा हूं. राज्य के कुछ जिलों में जनसंख्या का संतुलन बदल गया है. बांग्लादेश निकट है और इसलिए ऐसा हो रहा है. अचानक देखने में आया है कि झारखंड में 1800 ऐसे स्कूल हैं जिन्होंने अपने नाम में उर्दू शब्द लगा लिया. इन स्कूलों में रविवार को छुट्टी नहीं होती है बल्कि शुक्रवार को हो रही है. देश इस्लामीकरण की तरफ बढ़ रहा है. झारखंड उसे रास्ता दे रहा है. इसकी एनआईए से जांच कराई जाए. यह कड़ा संदेश जाना चाहिए कि किसी भी कीमत पर इसे बर्दाश्त नहीं किया जाएगा.
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बिहार-झारखंड के स्कूलों में शुक्रवार को बंद हो रहे स्कूल
ठीक ऐसा ही मामला बिहार के भी कुछ सरकारी स्कूलों में सामने आया था. झारखंड के जामताड़ा और दुमका जिलों में और बिहार के किशनगंज के दर्जनों स्कूल ऐसे हैं जिनमें शुक्रवार को छुट्टी दिए जाने का मामला सामने आया है. दोनों ही राज्यों में संबंधित अधिकारियों को आदेश दिए गए हैं कि वे इसकी जांच करके रिपोर्ट सौंपें. आधिकारिक बयान के मुताबिक, ऐसा कोई सरकारी आदेश नहीं है कि इन स्कूलों में शुक्रवार को छुट्टी रखी जाए.
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, इन दोनों राज्यों के जिन जिलों में शुक्रवार को स्कूल बंद रखे जा रहे हैं वे मुस्लिम बाहुल्य वाले हैं. स्थानीय लोगों के मुताबिक, स्कूल में पढ़ने वाले बच्चे भी शुक्रवार को नमाज पढ़ने चले जाते हैं इसलिए स्कूलों को शुक्रवार को बंद करके रविवार को खोला जाता है. स्थानीय ग्रामीणों का कहना है कि य परंपरा तो कई सालों से चली आ रही है.
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रविवार को क्यों होती है छुट्टी?
भारत में रविवार को सरकारी छुट्टी की शुरुआत अंग्रेजों के जमाने में हुई थी. अंग्रेजों के शासनकाल में भारत के मिल मजदूरों सातों दिन काम करना पड़ता था. रविवार को ब्रिटिश अधिकारी और कर्मचारी चर्च और पार्थना करते थे. उस समय मिल मजदूरों ने आंदोलन करके साप्ताहिक छुट्टी का प्रस्ताव रखा. इन लोगों ने कहा कि रविवार को हिंदू देवता 'खंडोबा' का दिन होता है इसलिए छुट्टी रविवार को ही रखी जाए. शुरुआत में तो यह मांग नहीं मानी गई लेकिन ब्रिटिश सरकार ने साल 1890 में यह मांग मान ली. हालांकि, भारत सरकार ने कबी इस बारे में कोई आदेश नहीं जारी किया.
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Friday की छुट्टी का मामला संसद में भी गूंजा, जानिए झारखंड-बिहार में शुक्रवार को क्यों बंद हो रहे स्कूल