डीएनए हिंदी: जम्मू कश्मीर में आतंक विरोधी गतिविधियों के हौसले पस्त करने के लिए एक और कदम उठाया गया है. जम्मू-कश्मीर प्रशासन ने केंद्र शासित प्रदेश में आतंकवादियों के साथ संबंधों के आरोप में एक डॉक्टर और एक पुलिसकर्मी सहित चार और सरकारी कर्मचारियों को बुधवार को बर्खास्त कर दिया. पिछले 3 साल में यानी अनुच्छेद 370 के खात्मे के बाद से ऐसे आरोपों के तहत ही 50 से ज्यादा लोगों की नौकरी जा चुकी है. इन लोगों पर आतंकियों से संबंध रखने, उनकी मदद करने और उनके लिए फंडिंग का इंतजाम करने के आरोप सही पाए गए हैं.
अधिकारियों ने बताया कि श्रीनगर के एसएमएचएस अस्पताल में सहायक प्रोफेसर (मेडिसिन) निसार-उल-हसन, कांस्टेबल अब्दुल मजीद भट, उच्च शिक्षा विभाग में प्रयोगशाला कर्मी अब्दुल सलाम राठेर और शिक्षा विभाग में शिक्षक फारुख अहमद मीर को भारत के संविधान के अनुच्छेद 11 के प्रावधानों के तहत बर्खास्त कर दिया गया.
यह भी पढ़ें- 10 दिनों से चल रहा रेस्क्यू, अब तक बाहर नहीं आए मजदूर, वजह क्या है
आतंकियों की कर रहे थे मदद
सरकार के अधिकारियों ने बताया कि पिछले तीन वर्षों में केंद्र शासित प्रदेश के प्रशासन ने संविधान की धारा 311 (2) (सी) का इस्तेमाल करते हुए 50 से अधिक कर्मचारियों को बर्खास्त किया है. ये लोग कथित तौर पर पाकिस्तानी आतंकवादी संगठनों की मदद कर रहे थे, आतंकवादियों की विचारधारा का प्रचार कर रहे थे, धन जुटा रहे थे और अलगाववादी एजेंडे को आगे बढ़ा रहे थे.
यह भी पढ़ें- पुलिस अधिकारी को ओवैसी की धमकी, 'एक इशारे पर दौड़ा लिया जाएगा'
बता दें कि जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद को खत्म करने के लिए सैन्य ऑपरेशनों के अलावा इस तरह से भी कार्रवाई की जा रही है ताकि बिना हथियार उठाए आतंकियों की मदद करने वाले लोगों को भी रोका जा सके.
देश-दुनिया की ताज़ा खबरों Latest News पर अलग नज़रिया, अब हिंदी में Hindi News पढ़ने के लिए फ़ॉलो करें डीएनए हिंदी को गूगल, फ़ेसबुक, ट्विटर और इंस्टाग्राम पर.
- Log in to post comments
आतंकियों से संबंध रखने का आरोप, जम्मू-कश्मीर में चली गई 4 लोगों की सरकारी नौकरी