डीएनए हिंदी: पिछले कुछ समय से देश के कई हिस्सों में बढ़ती गर्मी के बीच लोगों के गले में खराश, सर्दी-जुकाम जैसी समस्याएं बड़ी तेजी से सामने आ रही हैं. ये समस्या नॉर्मल नहीं बल्कि फ्लू की वजह से हो रहा है. ज्यादातर भारतीय Influenza से बुरी तरह जूझ रहे हैं. उन्हें ठीक होने में समय लग रहा है. करीब 3 साल तक कोविड महामारी का सामने करने के बाद फ्लू के मामलों में हुए इजाफे से लोग दहशत हैं. सबकी बड़ी बात ये है कि इसके लक्षण कोरोना जैसे लग रहे हैं.
डॉक्टरों का कहना है कि ये फ्लू लंबे समय तक चलने वाला है. क्योंकि मौसम तेजी से बदल रहा है. उत्तर भारत में अचानक सर्दी गायब हो गई है और एयर क्वालिटी स्थिति भी बदतर कर रही है. इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (ICMR) के अनुसार, इन्फ्लुएंजा A subtype H3N2 वायरस के कारण होता है. H3N2 वायरस अन्य सबटाइप की तुलना में अस्पातल में भर्ती करने की नौबत पैदा करता है.
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एक्सपर्ट्स के मुताबिक, भारत में तीन साल पहले फ्लू के सबसे ज्यादा मामले सामने आए थे. लेकिन कोरोना जाने के बाद फिर एक बार फ्लू के मामले बढ़ने लगे हैं. इस बार लक्षण भी कुछ अलग हैं और पहले के मुकाबले ज्यादा गंभीर हैं. आमतौर पर इसके लक्षण जुकाम-खांसी के साथ बुखार शामिल हैं. ज्यादातर मरीज लगातार खांस रहे हैं. ऐसा कई दिनों तक हो रहा है. फ्लू से ठीक होने के कुछ हफ्ते बाद भी मरीजों में ऐसी समस्या देखी जा रही है.
क्यों बढ़ रहे फ्लू के मामले?
- अचानक से मौसम में बदलाव.
- रेस्पिरेटरी वायरस का मौजूद रहना.
- फ्लू वैक्सीनेशन में कमी आना.
IMA की एडवाइजरी
इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (IMA) ने देशभर में खांसी, जुकाम और गले में खराश के बढ़ते मामलों के बीच एंटीबायोटिक दवाओं के ज्यादा उपयोग न करने की सलाह दी है. एसोसिएशन ने डॉक्टरों से केवल लक्षणात्मक उपचार (Symptomatic treatment) Prescribe करने को कहा है. एंटीबायोटिक्स का उपयोग ज्यादा न करें.
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झारखंड में भी बर्ड फ्लू संक्रमण की पुष्टि
झारखंड के बोकारो में बर्ड फ्लू के कारण करीब 4,000 मुर्गियों और बत्तखों को मारे जाने के मात्र एक सप्ताह बाद रांची में भी बर्ड फ्लू (एवियन इंफ्लुएंजा) की पुष्टि हुई है. केंद्रीय मत्स्य एवं पशुपालन मंत्रालय ने राज्य के मुख्य सचिव को पत्र लिखकर निर्धारित प्रोटोकॉल के तहत आवश्यक सभी कार्रवाई करने को कहा है. एक अधिकारी ने कहा, ‘केंद्र ने झारखंड के मुख्य सचिव सुखदेव सिंह को3 मार्च को लिखे एक पत्र में रांची में मुर्गियों में एवियन इन्फ्लूएंजा (एच5एन1) संक्रमण की पुष्टि की तथा राज्य को इसकी रोकथाम के लिए कदम उठाने का निर्देश दिया.’
आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि झारखंड के पशुपालन विभाग ने मुर्गियों में इस वायरस के लक्षण पाए जाने की सूचना मिलने के बाद इसके नमूने जांच के लिए भोपाल स्थित राष्ट्रीय उच्च सुरक्षा पशु रोग संस्थान भेजे थे. उन्होंने बताया कि संस्थान ने शुक्रवार को एक नमूने में बर्ड फ्लू होने की पुष्टि की. राज्य के पशुपालन निदेशक चंदन कुमार ने भी रांची के उपायुक्त एवं जिला पशुपालन अधिकारी को इस संक्रमण से बचाव के लिए सभी एहतियातन कदम उठाने के निर्देश दिए हैं. इससे पहले बोकारो के चास में बर्ड फ्लू की पुष्टि हुई थी, जिसके बाद 3,856 मुर्गियों एवं बत्तखों को मारा गया था.
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