मध्य प्रदेश के इंदौर में भीख देने पर रोक लगाई गई थी. लेकिन अब इस मामले में पहला केस दर्ज किया गया है. जिला प्रशासन ने आदेश जारी किया था कि 1 जनवरी, 2025 से जो भी शहर में भीख देते हुए पकड़ा गया उसके खिलाफ केस दर्ज किया जाएगा. खंडवा रोड़ पर एक मंदिर के सामने बैठी एक महिला भिखारी को भीख देने के आरोप में एक व्यक्ति के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता की धारा 223 के तहत मामला दर्ज किया गया है.
भीख देने पर दर्ज हुई पहली एफआईआर
जिला कलेक्टर आशीष सिंह ने बताया कि इसके लिए इंदौर में 31 दिसंबर 2024 तक जागरूकता अभियान चलाया गया था. इस अभियान में लोगों को बताया गया था कि 1 जनवरी 2025 से अगर कोई भीख देता हुआ पाया गया तो उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी. अभियान चलाने के बाद भी गुरुवार को शहर के भंवरकुआं थाना क्षेत्र में भीख देने का मामला सामने आया है, जिसके बाद पुलिस ने व्यक्ति के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर ली है.
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क्या मिलेगी सजा
इंदौर देश का सबसे साफ शहर है. इसके बाद अब इस शहर को भिक्षा मुक्त शहर बनाने की मुहीम चलाई गई है. हालांकि, एक व्यक्ति पर भीख देने के मामले में पहला केस दर्ज किया गया है. बीएनएस धारा 223 के तहत दोषी को एक साल तक की कैद या 5,000 रुपये तक का जुर्माना या दोनों हो सकते हैं. इसके साथ ही जिला प्रशासन ने भीख मांगेन वालों की जानकारी देने पर 1,000 रुपये का इनाम देने की घोषणा की है और अब तक कई लोगों को सूचना देने पर ये इनाम मिल चुका है.
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MP News: इंदौर में भिखारी को भीख देने पर पहली FIR दर्ज, दोषी पाए जाने पर हो सकती है जेल