बिहार के पूर्णिया जिले में पुलिस ने नौकरी देने के नाम पर ठगी करने वाली एक फेक जॉब कंसल्टेंसी सर्विसेज का भंडाफोड़ किया है. पुलिस ने गिरोह चलाने वाले पांच लोगों को गिरफ्तार किया है. साथ ही 200 युवकों को उनके चंगुल से मुक्त कराया है. पुलिस इस बात की जांच कर रही है कि आरोपियों ने अबतक कितने लोगों को लूटा है.
पुलिस अधिकारी ने बताया कि गिरफ्तार किए गए लोगों की पहचान सुकुमार राय, तारा शंकर शर्मा, जहांगीर और विष्णु मंडल (चारों पश्चिम बंगाल के निवासी) के रूप में हुई है. पांचवा आरोपी शिवपाल हेम्ब्रम बिहार के अररिया जिले का रहने वाला है. पुलिस के अनुसार, 'पश्चिम बंगाल के दक्षिण दिनाजपुर जिले के रहने वाले अखिल मंडल नाम के व्यक्ति की शिकायत पर कार्रवाई करते हुए पुलिस अधिकारियों ने पूर्णिया में कई स्थानों पर छापेमारी की और 200 युवकों को आरोपियों के चंगुल से बचाया.’
नौकरी के नाम पर ट्रांसफर कराए जाते पैसे
पीड़ित ने अपनी शिकायत में पुलिस को बताया कि ज्यादातर पीड़ित पश्चिम बंगाल के निवासी हैं और उन्हें नौकरी का वादा कर पूर्णिया बुलाया गया था. आरोपी ऑनलाइन नौकरी दिलाने का गिरोह चला रहे थे और उनसे संपर्क करने वालों से उनके बैंक खातों में 21,000 रुपये ट्रांसफर करने के लिए कहा जाता था. जब नौकरी के लिए पैसे ट्रांसफर करने वाला युवक पूर्णिया पहुंचता तो उसे धमकाकर एक घर में बंधक बना लिया जाता.
पुलिस को दी शिकायत में पीड़ित अखिल ने बताया कि पैसा ट्रांसफर होने और पूर्णिया पहुंचने पर उसे कोई नौकरी नहीं दी गई. किसी तरह वह आरोपियों के चंगुल से भागने में सफल रहा और उसने पूर्णिया पुलिस अधीक्षक कार्यालय में शिकायत दर्ज कराई.
पुलिस ने मंगलवार रात पूर्णिया में कई स्थानों पर छापेमारी की और 200 युवकों को आरोपियों के चंगुल से बचाया. पुलिस के मुताबिक, छापेमारी अब भी जारी है और मामले की जांच जारी है. (PTI इनपुट के साथ)
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21,000 रुपये ट्रांसफर करो, नौकरी पाओ... फेक जॉब कंसल्टेंसी सर्विसेज का भंडाफोड़, 200 युवाओं को बचाया