डीएनए हिंदी: जनरल कैटेगरी के गरीब लोगों को दिए जाने वाले EWS आरक्षण पर सुप्रीम कोर्ट ने मुहर लगा दी है. सुप्रीम कोर्ट की पांच जजों की बेंच ने EWS रिजर्वेशन के पक्ष में 3-2 से फैसला सुनाया. सुप्रीम कोर्ट की बेंच के जस्टिस दिनेश माहेश्वरी, बेला त्रिवेदी और जेबी पारदीवाला ने EWS संशोधन को बरकरार रखा जबकि मुख्य न्यायाधीश यूयू ललित और जस्टिस रवींद्र भट ने इस पर असहमति व्यक्त की है. आइए आपको बताते हैं आज के सुप्रीम फैसले से जुड़ी 7 बड़ी बातें.
- CJI यूयू ललित ने कहा कि EWS कोटे को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर चार अलग-अलग फैसले हैं.
- जस्टिस दिनेश माहेश्वरी ने EWS आरक्षण संबंधी 103वें संविधान संशोधन को बरकरार रखा.
- जस्टिस दिनेश माहेश्वरी ने कहा कि यह संविधान के बुनियादी ढांचे का उल्लंघन नहीं करता है. इसे संविधान के मूल ढांचे को भंग करने वाला नहीं कहा जा सकता.
- जस्टिस बेला एम त्रिवेदी, जस्टिस जेबी पारदीवाला ने भी एडमिशन, सरकारी नौकरियों में EWS आरक्षण बरकरार रखा. जस्टिस बेला एम त्रिवेदी ने कहा कि 103वें संविधान संशोधन को भेदभाव के आधार पर रद्द नहीं किया जा सकता.
- जस्टिस एस रवींद्र भट ने EWS आरक्षण संबंधी संविधान संशोधन पर असहमति जताई और इसे रद्द किया.
- जस्टिस एस रवींद्र भट ने कहा कि आरक्षण संबंधी 50% की सीमा का उल्लंघन नहीं किया जा सकता. EWS आरक्षण को समाप्त करना होगा.
- CJI यूयू ललित ने जस्टिस एस रवींद भट के विचार से सहमति व्यक्त की.
पढ़ें- EWS कोटे के तहत जारी रहेगा आरक्षण, सुप्रीम कोर्ट ने 3-2 से सुनाया पक्ष में फैसला
(इनपुट- एजेंसी)
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EWS रिजर्वेशन पर लगी 'सुप्रीम' मुहर, 7 पॉइंट्स में जानिए बड़ी बातें