डीएनए हिंदी: शुक्रवार की दोपहर बहुत से लोगों को अपने स्मार्टफोन पर एक साथ ही चेतावनी का मैसेज आया है. हो सकता है कि ऐसा मैसेज आपके पास भी आया हो. इस मैसेज को देखकर हो सकता है आप भी घबरा गए हों क्योंकि यह मैसेज आम एसएमएस की तरह नहीं था. यह मैसेज मोबाइल फोन की पूरी स्क्रीन पर आपातकालीन अलर्ट मैसेज (Emergency Alert Message) की तरह फ्लैश हुआ था. इसके बाद लोगों को फोन में अलॉर्म जैसी आवाज भी सुनाई दी थी. हालांकि, जैसा आपातकालीन मैसेज भारत में आया वैसा ही मैसेज कुछ समय पहले जर्मनी समेत कई और देशों के लोगों को भी मिला था. आइए जानते हैं कि आखिर इतने लोगों को अचानक यह अलर्ट मैसेज क्यों मिला था.
सरकार की ओर से टेस्ट मैसेज था
लोगों को अपने स्मार्टफोन पर यह इमर्जेंसी मैसेज आया तो लोग घबरा गए थे. कुछ लोगों को लगा कि कहीं कोई आपदा तो नहीं आ गई है तो कई लोगों को लगा कि उनके मोबाइल फोन पर स्पैम या वायरस अटैक हो गया है. कुछ लोगों ने तो डरकर अपना फोन ही स्विच ऑफ कर लिया. कुछ देर बाद पता चला कि यह सरकार की ओर से किया गया एक टेस्ट मैसेज था. फिलहाल यह मैसेज सिर्फ एंड्रॉयड फोन यूजर्स को ही आया था. आने वाले दिनों में ये मैसेज दोबारा आने वाले हैं और सभी मोबाइल फोन में आएंगे. अगर आपके मोबाइल फोन पर ये मैसेज नहीं आया तो आपको बताते हैं कि आखिर ये मैसेज क्या था और इसका मकसद क्या था.
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सरकार की ओर से भेजा गया सैंपल टेस्ट मैसेज
दरअसल ये भारत सरकार के दूरसंचार विभाग द्वारा Cell Broadcast Alert System के जरिए भेजा गया एक सैंपल टेस्टिंग मैसेज है. सरकार की ओर से इस मैसेज को अनदेखा करने के लिए कहा गया है. यह मैसेज नेशनल डिजास्टर मैनेजमेंट अथॉरिटी यानी NDMA की ओर से लागू किए जा रहे पैन इंडिया इमर्जेंसी अलर्ट सिस्टम (Pan India Emergency Alert System) को टेस्ट करने के लिए भेजा गया है. इस मैसेज का मकसद सार्वजनिक सुरक्षा और आपातकाल के दौरान लोगों को अलर्ट करना है.
सैंपल टेस्ट के लिए ऐसे ही मैसेज 20 जुलाई और 17 अगस्त को भी स्मार्टफोन यूजर्स को भेजे गए थे और अभी यह टेस्टिंग आगे भी जारी रहने वाली है. इसके पीछे सेल ब्रॉडकास्ट अलर्ट सिस्टम (Cell Broadcast Alert System) की कुशलता को जांचना उद्देश्य है. अगर आपके पास दोबारा ऐसा मैसेज आए तो घबराएं नहीं.
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क्या है सेल ब्रॉडकास्टिंग सिस्टम
अब आप सोच रहे होंगे कि आखिर ये Cell Broadcasting System क्या है और इससे क्या होगा. अब हम आपको ये भी बताते हैं. यह एक ऐसी टेक्नोलॉजी है जो सरकार को आपदा प्रबंधन (Disaster Management) के लिए अहम मैसेज भेजने की सहूलियत देती है. इसके जरिए किसी प्राकृतिक आपदा से अलर्ट करने के लिए एक साथ करोड़ों मोबाइल फोन पर एक साथ अलर्ट मैसेज भेजे जा सकते हैं जिसका टेस्ट आज किया गया है.
आसान भाषा में कहें तो इसका इस्तेमाल सरकारी एजेंसी, जनता को संभावित खतरों के बारे में सूचित करने और सावधान करने के लिए करेंगी. जिसमें सुनामी, अचानक बाढ़ आना, भूकंप, तेज बरसात और तूफान जैसी आपदाओँ की जानकारी देना शामिल है. यानी अब किसी भी प्राकृतिक आपदा के खतरे की घंटी आपके फोन पर बज उठेगी और ये घंटी खुद सरकार बजाएगी. सबसे खास बात ये है कि यह मैसेज उन मोबाइल फोन में भी बजेगा जिनमें नेटवर्क नहीं आ रहा या इंटरनेट नहीं है.
विदेशों में भी आ चुका है ऐसा ही वॉर्निंग अलर्ट
जैसा वॉर्निंग अलर्ट टेस्ट आज भारत में हुआ है वैसा ही टेस्ट जर्मनी में 14 सितंबर को हुआ था. जैसी चेतावनी की आवाज भारत में लोगों के मोबाइल पर आई, वैसी ही आवाज जर्मनी में भी लोगों के मोबाइल फोन पर आई थी. दरअसल जर्मनी ने भी अपने यहां इमर्जेंसी अलर्ट सिस्टम को टेस्ट किया है जिसके लिए जर्मनी में 14 सितंबर को सुबह 11 बजे ना सिर्फ सेल फोन बल्कि टीवी, रेडियो और डिजिटल डिसप्ले बोर्ड पर भी Emergency Alert Flash होने लगे. सरकारी वेबसाइट्स पर भी ऐसे ही वॉर्निंग मैसेज दिखाई दिए जैसे आप इस वक्त अपनी टीवी स्क्रीन पर देख रहे हैं. इस मैसेज में लिखा हुआ था - There Is No Danger. दरअसल जर्मनी ने वर्ष 2020 में पहली बार Emergency Alert Messages System को Test किया था । लेकिन तब ये फेल हो गया था.
सिर्फ जर्मनी और भारत ही नहीं ब्रिटेन ने भी इसी वर्ष अप्रैल में अपने पहले Emergency Alert System को Test किया था. अब हम आपको उन देशों के बारे में बताते है जहां ये सिस्टम पहले से काम कर रहा है. अमेरिका, इसके लिए जिस सिस्टम का इस्तेमाल करता है उसे वायरलैस इमर्जेंसी अलर्ट कहते हैं. जब ये मैसेज आता है तो फोन में अलर्ट साउंड के साथ साथ फोन वाइब्रेट भी होता है. मैसेज में इमर्जेंसी अलर्ट के साथ साथ उस आपातकाल के दौरान उठाए जाने वाले जरूरी कदमों के बारे में भी जानकारी दी जाती है.
जापान में मोबाइल फोन अलर्ट आपातकाल से निपटने की योजना J-ALERT का हिस्सा है, जिसमें TV, आउटडोर स्पीकर्स, रेडियो और ईमेल के जरिए भी लोगों को अलर्ट भेजे जाते हैं. जापान में आम तौर पर भूकंप की चेतावनी के साथ-साथ पड़ोसी देशों में होने वाले मिसाइल लॉन्च टेस्ट के भी अलर्ट दिए जाते हैं. न्यूजीलैंड में जो इमर्जेंसी अलर्ट सिस्टम है उसमें आम तौर पर तब ही अलर्ट भेजे जाते हैं जब लोगों की जान को गंभीर खतरा हो या कोई बड़ी आपदा आने वाली हो. कोविड महामारी के दौरान न्यूजीलैंड में आपातकालीन अलर्ट का सबसे ज्यादा इस्तेमाल किया गया था. कनाडा में सभी मोबाइल और वायरलैस सर्विस प्रोवाइडर्स को ये जिम्मेदारी दी गई है कि वो किसी आपदा के वक्त, अपने नेटवर्क पर इमर्जेंसी अलर्ट भेजें. बाढ़, जंगल में आग और तूफान की वॉर्निंग देने वाले मैसेज के अलावा लापता बच्चों की तलाश करने में भी इमर्जेंसी अलर्ट का इस्तेमाल किया जाता है. अब भारत में भी ऐसा ही Emergency Alert System शुरु होने वाला है जिसकी आज टेस्टिंग हुई है जिससे आप सचेत रहेंगे.
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